लखनऊ

यूपी में कब रुकेंगे महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, हर थाने में महिला बीट अफसरों की होगी तैनाती

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर लगाम लागने के लिए महिला बीट के अफसरों की नियुक्ति की जाएगी।

लखनऊAug 26, 2021 / 07:15 pm

Nitish Pandey

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में महिलाओं पर हो रहे जुर्मों को मुद्दा बनाया था। बीजेपी (BJP) ने यूपी (UP) में पूर्ण बहुमत मिली, मुख्यमंत्री योगी आदियनाथ (CM Yogi) को बनाया गया। शपथ लेते ही सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) महिलाओं पर रहे जुर्म पर लगाम लगाने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया। लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर लगाम नहीं लग पाई है। अब पुलिस मुखिया मुकुल गोयल (DGP Mukul Goyal) में सभी थानों में महिला बीट ऑफिसर (Women Beat Officers) तैनात किए जाने का निर्देश दिया है।
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अपराध पर लगाम लगाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों (Female Related Crime) पर लगाम लागने के लिए महिला बीट के अफसरों (Women Beat Officers) की नियुक्ति की जाएगी। डीजीपी मुकुल गोयल (DGP Mukul Goyal) ने महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए नई पहल की है। महिला बीट के अफसरों (WomenBeat Officers) की नियुक्ति कर वह महिला संबंधी अपराधों (Female Related Crime) पर लगाम कसने की तैयारी कर रहे हैं।
बीट अफसरों को किया जाएगा ट्रेंन

पुलिस मुखिया मुकुल गोयल (DGP Mukul Goyal) के मुताबिक महिला बीट पुलिस बनाने का मकसद मिशन शक्ति अभियान को और मजबूती देना है। साथ ही गांव के दूर-दराज इलाकों में आम जनता के लिए कम्यूनिटी पुलिसिंग को और मजबूती देना है। महिला पुलिस बीट (Women Beat Officers) में शामिल पुलिसकर्मियों को पुलिस इंस्पेक्टर या एडिशनल पुलिस इंस्पेक्टर पुलिस लाइन में ट्रेनिंग देंगे।
बीते चार साल में महिला अपराध में हुई है बढ़ोत्तरी

एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं से संबंधित अपराध (Female Related Crime in UP)के 56011 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2018 में यह संख्या 59445 और वर्ष 2019 में बढ़कर 59853 हो गई। उत्तर प्रदेश पुलिस के आंकड़ों की मानें तो, वर्ष 2020 में छेड़खानी के 2441, वर्ष 2019 में 1857, वर्ष 2018 में 1328, वर्ष 2017 में 993 और वर्ष 2016 में छेड़खानी के 609 मामले दर्ज किए गए थे। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2016 और वर्ष 2020 के बीच छेड़खानी की घटनाओं में 300.82 फीसदी इजाफा हुआ। वहीं, वर्ष 2019 और 2020 के बीच छेड़खानी की घटनाओं में 31.45 फीसदी इजाफा हुआ।
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