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UP DGP Appointment: DGP की नियुक्ति के लिए योगी सरकार ने बनाए नए नियम, अखिलेश ने उठाए सवाल

UP DGP Appointment: उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति के लिए बनाए गए नए नियम को कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है। इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसा है।

लखनऊNov 05, 2024 / 11:02 am

Sanjana Singh

UP DGP Appointment

UP DGP Appointment: उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर तैनाती के लिए नई नियमावली बना दी गई है। इसे कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है। अब डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर न्यायाधीश होंगे। समिति में मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग और यूपी लोक सेवा आयोग से नामित एक-एक व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव गृह और एक रिटायर डीजीपी भी होंगे। अब इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनाने वाले खुद 2 साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0”

क्या कहती है नई नियमावली?

नियमावली में तय किया गया है कि डीजीपी पर उसी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनकी सेवा अवधि कम से कम छह माह बाकी हो। साथ ही डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो साल तक होना चाहिए। डीजीपी की नियुक्ति होने पर उन्हें दो साल तक कार्यकाल जरूर दिया जाए। तैनाती के बाद सेवा अवधि छह माह ही शेष है तो सेवा अवधि बढ़ाई जा सकती है।
डीजीपी आपराधिक मामले या भ्रष्टाचार अथवा कर्तव्यों के पालन में अक्षम साबित हुए तो सरकार उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा सकती है। हटाने को संबंधित प्रावधानों में भी हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन जरूरी होगा। नियमावली के मुताबिक डीजीपी पद पर वे ही अफसर चुने जाएंगे जो वेतन मैट्रिक्स के स्तर 16 में पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत हों।
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सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में अधिनियम बनाने को कहा था

सुप्रीम कोर्ट ने रिट याचिका प्रकाश सिंह व अन्य बनाम भारत संघ व अन्य के मामले में 22 सितम्बर, 2006 में राज्य सरकारों से एक नया पुलिस अधिनियम बनाने को कहा था जिससे पुलिस व्यवस्था को किसी भी तरह के दबाव से मुक्त रखा जाए। नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और विधि का शासन स्थापित करने में यह व्यवस्था सक्षम साबित हो सके। हाईकोर्ट ने भी आशा की है कि नई नियमावली से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी न हो। नियुक्ति नियमावली-2024 का उद्देश्य डीजीपी पद पर उपयुक्त व्यक्ति के चयन को स्वतंत्र पारदर्शी तंत्र स्थापित करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये चयन राजनीतिक या कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त है।

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