लखनऊ

UP Cyber Crime: डीजीपी के नाम पर फर्जी इंस्टाग्राम और यूट्यूब चैनल चलाने वाला गिरफ्तार, 80 हजार रुपये की ठगी का खुलासा

UP Cyber Crime: उत्तर प्रदेश पुलिस ने डीजीपी प्रशांत कुमार के नाम से फर्जी इंस्टाग्राम और यूट्यूब चैनल चलाकर 80,000 रुपये की ठगी करने वाले अमित कुमार को सहारनपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी ने जयपुर कांड के नाम पर लोगों से आर्थिक मदद मांगी थी। साइबर क्राइम सेल ने जांच कर आरोपी को पकड़ा।

लखनऊJan 06, 2025 / 03:03 pm

Ritesh Singh

क्यूआर कोड और यूट्यूब चैनल से फर्जीवाड़ा

UP Cyber Crime: उत्तर प्रदेश पुलिस ने डीजीपी प्रशांत कुमार के नाम पर फर्जी इंस्टाग्राम आईडी और यूट्यूब चैनल बनाकर जयपुर कांड के नाम पर ठगी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 80,000 रुपये की ठगी की थी। साइबर क्राइम सेल ने सहारनपुर से आरोपी को गिरफ्तार किया।
फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से ठगी का खेल
सहारनपुर निवासी अमित कुमार ने डीजीपी प्रशांत कुमार की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2022 में एक फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाई। इस आईडी पर उसने 67,000 फॉलोअर्स जुटा लिए और यहां तक कि इसे “ब्लू टिक” भी दिलवा दिया। इसके बाद उसने जयपुर में हुए हादसे का सहारा लेकर लोगों से आर्थिक मदद के नाम पर पैसे ऐंठने शुरू किए।
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क्यूआर कोड और यूट्यूब चैनल से फर्जीवाड़ा
अमित ने क्यूआर कोड जारी कर लोगों को धोखा दिया और जयपुर कांड के पीड़ितों के लिए मदद के नाम पर 80,000 रुपये की ठगी कर ली। इसके साथ ही उसने डीजीपी के नाम पर एक फर्जी यूट्यूब चैनल भी बनाया, जिसका इस्तेमाल भी ठगी के लिए किया जाता था।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
साइबर क्राइम सेल ने आईपी एड्रेस और तकनीकी विश्लेषण की मदद से आरोपी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी आईटीआई पास है और उसके पिता ताराचंद्र सेवानिवृत्त दरोगा हैं। पुलिस ने आरोपी के पास से एक आईफोन जब्त किया और उसके बैंक खाते को सीज कर दिया है।
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साइबर क्राइम सेल की भूमिका
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी बृजेश यादव ने बताया कि आरोपी ने फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए जयपुर कांड के पीड़ितों के नाम पर लोगों की भावनाओं का फायदा उठाया। पुलिस के अनुसार, इस मामले में और भी कई लोग जालसाजी का शिकार हो सकते हैं।
सावधानी और पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद मांगने वाले अकाउंट की सत्यता को जांचें। फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और ठगी के मामलों में सतर्क रहें।

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