मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) के निर्देश पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू और एचडीयू बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। प्रदेश में सात हजार से अधिक आइसीयू और एचडीयू बेड उपलब्ध कराए गए हैं और 30 अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना भी कराई जा रही है। वहीं सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ाने, निजी अस्पतालों को टेकओवर करने बाद अब लक्षण खत्म होते ही मरीजों को होम आइसोलेशन में भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सरकार द्वारा नया प्रोटोकॉल तैयार हो रहा है। इससे कम मैनपावर में ज्यादा मरीजों को इलाज मिल सकेगा। सप्ताह भर के अंदर इसे जारी कर दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें – सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हुआ कोरोना, खुद सीएम योगी भी हैं आइसोलेट
चेन्नै गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन के हवाले से केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व आईएमए एमएस के वीसी डॉ. सूर्यकांत ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया। उनका कहना है कि अध्ययन के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 वायरस की प्रजनन क्षमता 13.2 है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 2.14 पर पहुंच चुकी है। रिप्रॉडक्टिन वैल्यू यानी आर वैल्यू यह बताता है कि एक संक्रमित से कितने लोगों तक वायरस पहुंच रहा है। डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि अध्ययन के मुताबिक, आर वैल्यू यह दिखा रहा है कि उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में महामारी तेजी से बढ़ रही है।
ये भी पढ़ें – कोरोना जांच के लिए प्राइवेट अस्पतालों में फीस तय, ज्यादा वसूली पर होगी कार्रवाई, जानें नया रेट
जानें क्या होती है आर वैल्यू
पिछले दो हफ्तों में उत्तर प्रदेश में आर वैल्यू 2.14, झारखंड में 2.13 और बिहार में 2.09 है। इस तरह इन राज्यों में एक संक्रमित दो से अधिक लोगों तक वायरस पहुंचा रहा है। कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने बाद लोगों की लापरवाही काफी हद तक बढ़ गई। इस कारण वायरस की रिप्रोडक्टिव वैल्यू (आर वैल्यू) बढ़ गई है। इन हालातों में लोगों को पहले से अधिक सतर्कता बरतने है और सावधान रहने की जरूरत है। बता दें कि आर नंबर कोरोना वायरस या किसी अन्य बीमारी के फैलने की क्षमता को दर्शाता है। यह उन लोगों की संख्या है जो कि कोरोना संक्रमण से औसतन संक्रमित हो चुके हैं। इन आंकड़ों में वायरस से मरने वालों की संख्या, अस्पताल में भर्ती की संख्या व संक्रमण की जद में आने वालों की तादाद शामिल होती है। इन आंकड़ों से अनुमान लगाया जाता है कि वायरस कैसे फैल रहा है और कितनी गति से फैल रहा है।