यूपी में में अब तक 5 करोड़ 88 लाख से अधिक कोविड 19 टेस्ट हुए और इसके साथ-साथ युद्धस्तर पर टीकाकरण भी चला, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर अब 98.5 फीसदी पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में पॉजिटिविटी दर महज 0.06 फीसद पाई गई, जबकि कोविड काल की अब तक ओवरऑल पॉजिटिविटी दर 2.9 फीसद रही है। कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर भी सरकार ने पुख्ता रणनीति के अनुसार काम कर रही है। अब तक प्रदेश में किसी भी मरीज में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। बावजूद इसके डेल्टा प्लस संक्रमण वाले राज्यों से आने वालों की निगरानी और टेस्टिंग तेजी से की जा रही है। दूसरे राज्यों से सटे जिलों में जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। लखनऊ के केजीएमयू और वाराणसी के बीएचयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है।
यूपी में एक करोड़ से अधिक वैक्सिनेशन
प्रदेश में तीन जुलाई तक तीन करोड़ 26 लाख 09 हजार 923 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। 01 करोड़ 02 लाख से अधिक डोज 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों को लगाई गई है। जबकि 48 लाख 22 हजार लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं। सीएम हेल्पलाइन के जरिए लगातार प्रदेश में प्रधानों, कोटेदारों और आम लोगों से संपर्क स्थापित कर कोरोना संक्रमण से बचाव और टीका लगवाने की अपील की जा रही है।
36 जिलों में एक भी केस नहीं मिले
कोरोना संक्रमण के खिलाफ सटीक रणनीति का असर जमीनी स्तर दिखाई दे रहा है। 36 जिलों में कोरोना संक्रमण के एक भी मामले सामने नहीं आए, तो वहींं 37 जिलों में 10 से कम नए केस दर्ज हुए।
ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर बना यूपी
उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा है प्रदेश में 528 ऑक्सीजन प्लांट पर तेजी से काम हो रहा है। अब तक 133 ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में शुरू हो चुके हैं। ऑक्सीजन जेनरेटर के जरिए 15 फीसदी ऑक्सीजन की 3300 बेडों पर आपूर्ति हो रही है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से सटे हर जिले में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेटर्स लगाए जा रहे हैं।
यूपी में खुले मल्टीप्लेक्स सिनेमाहॉल, जिम और स्पोर्ट स्टेडियम
पांच जुलाई से यूपी में मल्टीप्लेक्स सिनेमाहॉल, जिम और स्पोर्ट स्टेडियम को कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ खुल गए। बता दें कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सीएम ने आला अधिकारियों को अस्पतालों में बाइपैक मशीन, पीडियाट्रिक आईसीयू, मोबाइल एक्सरे मशीन सहित सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पीडियाट्रिक विशेषज्ञों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को भी पूरे करने के निर्देश दिए हैं।