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ग्रामीणों की भलाई के लिए सरकार कुछ नहीं करना चाहती : अजय लल्लू
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के धन में हुई कटौती से ग्रामीण रोजगार में भारी गिरावट से एक बड़ी आबादी के समक्ष बर्बादी का दरवाजा खोलकर चंद औद्योगिक घरानों के हवाले धन के केन्द्रीयकरण का मार्ग खोल दिया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पिछले वर्ष के 19 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान के मुकबाले 14070 करोड़ करना यह साबित करता है कि ग्रामीणों की भलाई के लिए वह कुछ नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में सरकार रोजगार देने में पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है, वह ग्रामीणों को को रोजगार नही देना चाहती उन्होंने सरकार की ग्रामीण विरोधी नीतियों पर हमला करते हुए कहा कि वह जनविरोधी नीतियों से बाज आकर रोजगार देने की दिशा में काम करे।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने कहाकि ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के लिए चल रही योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मामूली बढ़ोतरी की गई है। साल 2019-20 के बजट में पीएमजीएसवाई के लिए 19 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, लेकिन बाद में संशोधित अनुमान 14070 करोड़ रुपए कर दिया गया। अब 2020-21 के लिए 19500 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है। पंचायती राज संस्थानों के बजट में भी मामूली सी वृद्धि की गई है। 2019-20 में पंचायती राज संस्थानों के लिए 871 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया था। अब नए बजट में इसे बढ़ा कर 900 करोड़ कर दिया गया है, हालांकि पिछले साल का संशोधित अनुमान केवल 500 करोड़ रुपए ही था।