किस जाति का बनेगा प्रदेश अध्यक्ष अब सवाल है कि पार्टी कब अजय सिंह लल्लू की जगह नया अध्यक्ष नियुक्त करेगी? उससे भी बड़ा सवाल है कि कांग्रेस पार्टी किस ब्राह्मण या मुस्लिम नेता को अध्यक्ष बनाएगी? अथवा पिछड़ा या दलित समाज के किस नेता को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि बीते माह कांग्रेस पार्टी ने राज्य के दो ब्राह्मण नेताओं राजीव शुक्ला और प्रमोद तिवारी को दो अलग अलग राज्यों से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। इनके अलावा मुस्लिम चेहरे के तौर पर उत्तर प्रदेश के ही इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया।
यह भी पढ़ें – यूपी के इन पांच जिलों में जल्द शुरू होगी वायुसेवा, यूपी सरकार और AAI के बीच MOU साइन, जानें नाम ओबीसी राजनीति से कांग्रेस का मोहभंग कांग्रेस के इस निर्णय से ऐसा लग रहा है कि पार्टी ब्राह्मण और मुस्लिम की राजनीति कर रही है। सपा के मुकाबले खड़े होने के लिए कांग्रेस के मुस्लिम वोट की जरूरत है। यूपी की वर्तमान राजनीति में बसपा के कमजोर होने से दलित वोट पर भाजपा के साथ ही कांग्रेस की भी नजर है। ऐसे में प्रियंका गांधी की सलाह पर सोनिया गांधी पीएल पुनिया जैसा कोई दलित चेहरे (बृजलाल खाबरी) को भी आगे कर सकती है। ओबीसी राजनीति से कांग्रेस का मोहभंग हुआ है, इसके बाद भी उसे किसी ओबीसी नेताओं को आगे बढ़ाने पर गुरेज नहीं है। इसलिए पार्टी में कभी सवर्ण तो कभी पिछड़ा और कभी दलित जाति से आने वाले नेताओं के नाम उछालते हैं।
यह भी पढ़ें – Post Office Scheme : पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में बच्चों को मिलेंगे हर माह 2500 रुपए सिर्फ प्रियंका गांधी की चलेगी यूपी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष तय करने के बाबत पार्टी में जातिगत फैक्टर के अलावा एक और बात जो महत्वपूर्ण दिख रही है, वह है नए प्रदेश अध्यक्ष का टीम प्रियंका के साथ फिट होना। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश में कांग्रेस मामलों की प्रभारी हैं। उनकी मौजूदगी में किसी बड़े नेता को अपना फैसला लेने का कितना मौका मिलेगा, यह भी एक बड़ा सवाल है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पिछले प्रदेश अध्यक्ष, यानी अजय लल्लू का कार्यकाल देखा जा चुका है। प्रियंका की मौजूदगी में उनकी स्थिति केवल उन फैसलों पर अमल करने की होती थी, जो ऊपर से तय होकर आते थे। ऐसे में अब पार्टी में यूपी कांग्रेस के इसी तरह के अध्यक्ष की तलाश हो रही है, जो इस परंपरा को आगे बढ़ाए।
दलित चेहरे की मांग इस वजह से कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी, प्रदीप माथुर, राजेश मिश्रा, निर्मल खत्री प्रदेश अध्यक्ष बनना नहीं चाहते। ऐसे में अब वीरेंद्र के नाम की चर्चा भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए होने लगी है। वह अजय कुमार लल्लू के कार्यकाल में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। उनके अलावा पार्टी के कुछ नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर दलित समाज के नेता को लाने की वकालत कर रहे हैं। इनका कहना है कि पार्टी ब्राह्मण चेहरे को यूपी से राज्यसभा भेज चुकी है। इसके पहले ओबीसी चेहरा प्रदेश अध्यक्ष था, जिसे सीडब्ल्यूसी में शामिल किया जा चुका है। इस लिहाज से इस कुर्सी पर दावेदारी दलित चेहरे की ही बनती है। अब देखना यह है कि इस माह कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किसी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठता है। ताकि भाजपा की तरह कांग्रेस भी राज्य में चुनावी तैयारियों को शुरू कर सके।