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लखनऊ

कांग्रेस नहीं खोज पा रही यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष, करीब चार माह से खाली है पद

UP Congress new state president देश की सभी बड़ा विपक्षी दल कांग्रेस यूपी में एक प्रदेशाध्यक्ष की खोज नहीं कर पा रहा है। सूबे में कांग्रेस अध्यक्ष का पद बीते 15 मार्च से खाली है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद तत्कालीन अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तीफा ले लिया था।

लखनऊJul 02, 2022 / 10:12 am

Sanjay Kumar Srivastava

Ajay Kumar Lallu

Ajay Kumar Lallu

यूपी में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में अभी से जुट गई है, वही दूसरी तरफ देश की सभी बड़ा विपक्षी दल कांग्रेस यूपी में एक प्रदेशाध्यक्ष की खोज नहीं कर पा रहा है। सूबे में कांग्रेस अध्यक्ष का पद बीते 15 मार्च से खाली है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद तत्कालीन अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तीफा ले लिया था। साढ़े तीन माह गुजर गए पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश नहीं कर सका है। अब तक वह यह तय नहीं कर सका है कि, अध्यक्ष की कमान किसे सौंपी जाए। राज्य के दिग्गज कांग्रेसी नेता प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनना चाहते हैं, इसकी एक वजह बड़ी हो सकती है। इसके चलते कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यूपी को नया प्रदेश अध्यक्ष तय करने में विलंब कर रहा है। अब कहा जा रहा है कि इसी माह पार्टी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम फाइनल कर देगी और यह अध्यक्ष ब्राह्मण, पिछड़ा या दलित समाज से हो सकता है।
किस जाति का बनेगा प्रदेश अध्यक्ष

अब सवाल है कि पार्टी कब अजय सिंह लल्लू की जगह नया अध्यक्ष नियुक्त करेगी? उससे भी बड़ा सवाल है कि कांग्रेस पार्टी किस ब्राह्मण या मुस्लिम नेता को अध्यक्ष बनाएगी? अथवा पिछड़ा या दलित समाज के किस नेता को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि बीते माह कांग्रेस पार्टी ने राज्य के दो ब्राह्मण नेताओं राजीव शुक्ला और प्रमोद तिवारी को दो अलग अलग राज्यों से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। इनके अलावा मुस्लिम चेहरे के तौर पर उत्तर प्रदेश के ही इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया।
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ओबीसी राजनीति से कांग्रेस का मोहभंग

कांग्रेस के इस निर्णय से ऐसा लग रहा है कि पार्टी ब्राह्मण और मुस्लिम की राजनीति कर रही है। सपा के मुकाबले खड़े होने के लिए कांग्रेस के मुस्लिम वोट की जरूरत है। यूपी की वर्तमान राजनीति में बसपा के कमजोर होने से दलित वोट पर भाजपा के साथ ही कांग्रेस की भी नजर है। ऐसे में प्रियंका गांधी की सलाह पर सोनिया गांधी पीएल पुनिया जैसा कोई दलित चेहरे (बृजलाल खाबरी) को भी आगे कर सकती है। ओबीसी राजनीति से कांग्रेस का मोहभंग हुआ है, इसके बाद भी उसे किसी ओबीसी नेताओं को आगे बढ़ाने पर गुरेज नहीं है। इसलिए पार्टी में कभी सवर्ण तो कभी पिछड़ा और कभी दलित जाति से आने वाले नेताओं के नाम उछालते हैं।
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सिर्फ प्रियंका गांधी की चलेगी

यूपी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष तय करने के बाबत पार्टी में जातिगत फैक्टर के अलावा एक और बात जो महत्वपूर्ण दिख रही है, वह है नए प्रदेश अध्यक्ष का टीम प्रियंका के साथ फिट होना। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश में कांग्रेस मामलों की प्रभारी हैं। उनकी मौजूदगी में किसी बड़े नेता को अपना फैसला लेने का कितना मौका मिलेगा, यह भी एक बड़ा सवाल है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पिछले प्रदेश अध्यक्ष, यानी अजय लल्लू का कार्यकाल देखा जा चुका है। प्रियंका की मौजूदगी में उनकी स्थिति केवल उन फैसलों पर अमल करने की होती थी, जो ऊपर से तय होकर आते थे। ऐसे में अब पार्टी में यूपी कांग्रेस के इसी तरह के अध्यक्ष की तलाश हो रही है, जो इस परंपरा को आगे बढ़ाए।
दलित चेहरे की मांग

इस वजह से कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी, प्रदीप माथुर, राजेश मिश्रा, निर्मल खत्री प्रदेश अध्यक्ष बनना नहीं चाहते। ऐसे में अब वीरेंद्र के नाम की चर्चा भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए होने लगी है। वह अजय कुमार लल्लू के कार्यकाल में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। उनके अलावा पार्टी के कुछ नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर दलित समाज के नेता को लाने की वकालत कर रहे हैं। इनका कहना है कि पार्टी ब्राह्मण चेहरे को यूपी से राज्यसभा भेज चुकी है। इसके पहले ओबीसी चेहरा प्रदेश अध्यक्ष था, जिसे सीडब्ल्यूसी में शामिल किया जा चुका है। इस लिहाज से इस कुर्सी पर दावेदारी दलित चेहरे की ही बनती है। अब देखना यह है कि इस माह कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किसी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठता है। ताकि भाजपा की तरह कांग्रेस भी राज्य में चुनावी तैयारियों को शुरू कर सके।

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