केंद्र जिस अधिकारी को चाहता है, उसे छोड़ नहीं रही योगी सरकार उधर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से अधिकारियों के अपने मूल कैडर में वापस आने का सिलसिला भी जारी है। बीते डेढ़ साल में 16 अफसर वापस आ चुके हैं। इनके अलावा दो अधिकारी राजीव राय भटनागर और एपी महेश्वरी केंद्र से ही रिटायर हो गए। जबकि जावेद अख्तर कि केंद्र में तैनाती के दौरान कोरोना से मौत हो गई। वहीं इस बीच तीन अफसरों साल 2020 में दीपक रतन को और साल 2021 में डीआईजी रैंक के दो अफसरों मनोज कुमार और नितिन तिवारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए एनओसी दी गई है।
यूपी कोटे के महज एक चौथाई अफसर ही बचे हालत यह है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति लिए जहां 112 अधिकारियों का कोटा है, वहीं इस समय केवल 44 आईपीएस ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनमें से दर्जनभर ऐसे हैं जिनकी सेवा केंद्र में 5 साल या उससे अधिक की हो चुकी है। आमतौर पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति 4 से 5 साल के लिए होती है। अगर मौजूदा स्थिति यही रही तो एक साल में लगभग एक दर्जन अधिकारी प्रतिनियुक्त से लौट आएंगे। ऐसे में केंद्र में यूपी कोटे के महज एक चौथाई अफसर ही बचेंगे।
इतिहास का ऐसा पहला मौका जबकि एक समय था जब बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, बीपीआर एंड डी जैसी फोर्स में यूपी काडर के अधिकारी प्रमुख होते थे। पर आज सिर्फ आरपीएफ के मुखिया अरुण कुमार यूपी काडर के हैं। वह भी इसी महीने रिटायर हो जाएंगे। जुलाई में शायद इतिहास का यह पहला मौका होगा, जब यूपी काडर का कोई अफसर किसी प्रमुख बल में नहीं होगा।
मुकुल गोयल डीजी के दावेदार यूपी में अगले डीजी के प्रमुख दावेदारों में से एक साल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल अभी बीएसएफ के डीजी हैं, लेकिन उनके बैच के अफसर यूपी काडर में डीजी हो चुके हैं। वर्तमान में केंद्र में डीजी रैंक में सिर्फ तीन अधिकारी हैं। इनमें साल 1985 बैच के अरुण कुमार, 1986 बैच के नासिर कमाल और 1988 बैच के अनिल कुमार अग्रवाल शामिल हैं।