सिनेमाघरों के पुनरुद्धार और मल्टीप्लेक्स निर्माण पर जोर
उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में नए मल्टीप्लेक्स खोले जाएंगे। इसके साथ ही, एकल स्क्रीन सिनेमाघरों का पुनर्निर्माण और उनका उच्चीकरण भी किया जाएगा। इस नई योजना के तहत, सिनेमाघर मालिकों को राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) से अनुदान दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि यह कदम सिनेमाघरों की संख्या को बढ़ाएगा और दर्शकों के लिए नए मनोरंजन स्थल उपलब्ध कराएगा।
7 प्रमुख अनुदान योजनाएं
एसजीएसटी में छूट: जिन सिनेमाघरों को तोड़कर नया व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स और आधुनिक सिनेमा बनाया जाएगा, उन्हें पहले तीन साल के लिए 100% एसजीएसटी छूट और अगले दो साल के लिए 75% छूट दी जाएगी।
संचालित सिनेमाघरों के लिए: मौजूदा सिनेमाघरों की आंतरिक संरचना में बदलाव या स्क्रीन की संख्या बढ़ाने पर पहले तीन साल के लिए 75% और अगले दो साल के लिए 50% एसजीएसटी छूट मिलेगी। पुराने सिनेमाघरों के लिए: बिना किसी बदलाव के सिनेमाघरों को पुनः संचालन करने पर, 31 मार्च 2025 तक एसजीएसटी का 50% अनुदान दिया जाएगा।
नए सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के निर्माण के लिए: न्यूनतम 75 सीटों वाले एकल स्क्रीन सिनेमाघरों को पहले तीन साल के लिए 100% और अगले दो साल के लिए 50% एसजीएसटी अनुदान मिलेगा।
मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में: नए मल्टीप्लेक्स के निर्माण पर पहले पांच साल तक 100% एसजीएसटी छूट दी जाएगी।
मल्टीप्लेक्स वाले जनपदों में: जिन जनपदों में पहले से मल्टीप्लेक्स हैं, वहां नए मल्टीप्लेक्स के निर्माण पर पहले तीन साल के लिए 100% और अगले दो साल के लिए 50% एसजीएसटी छूट दी जाएगी।
सिनेमाघरों के उच्चीकरण के लिए: सिनेमाघरों को उच्चीकृत करने पर निवेश की गई राशि का 50% एसजीएसटी छूट के रूप में प्रदान किया जाएगा।
आर्थिक प्रोत्साहन के साथ निवेश को बढ़ावा
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के राजस्व में वृद्धि किए बिना सिनेमा उद्योग को पुनर्जीवित करना है। सिनेमाघर या मल्टीप्लेक्स मालिकों को एसजीएसटी में छूट देकर उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि वे अपने सिनेमाघरों का उच्चीकरण कर सकें या नए मल्टीप्लेक्स का निर्माण कर सकें। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना से राज्य के वित्त पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी को मिला “उद्योग” का दर्जा
इस कैबिनेट बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवाओं (आईटी/आईटीईएस) को उद्योग का दर्जा देने का भी निर्णय लिया गया। इस फैसले से राज्य में आईटी सेक्टर के निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और भूमि आवंटन, बिजली दरों में छूट जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके तहत 150 किलोवॉट से अधिक विद्युत लोड वाले आईटी इकाइयों को औद्योगिक दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे 18% की लागत में बचत होगी।
सरकार का उद्देश्य
योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश में सिनेमा और आईटी क्षेत्र में नए निवेश आकर्षित करना है। इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे और राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह योजना प्रदेश में मनोरंजन और तकनीकी क्षेत्र में क्रांति ला सकती है, जिससे न केवल दर्शकों को नए सिनेमा स्थल मिलेंगे बल्कि उद्योग जगत को भी प्रोत्साहन मिलेगा।