वीआरएस लेकर आए गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी एके शर्मा के कैबिनेट में शामिल करने की अटकलें तभी से शुरू हो गई थीं, जब उन्हें एमएलसी (MLC) बनाया गया था। लेकिन, पहले पंचायत चुनाव और फिर कोविड की दूसरी लहर के चलते कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका। अब पंचायत चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे व महामारी के दौरान शासकीय कार्यप्रणाली ने संगठन से लेकर सरकार तक हर स्तर पर खामियां सामने ला दी हैं। ऐसे में भाजपा इस कैबिनेट विस्तार के जरिए सियासी समीकरण दुरुस्त करना चाहेगी।
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60 हो सकती है मंत्रियों की संख्यायोगी मंत्रिमंडल में अभी मंत्रियों (UP Ministers) की संख्या 53 है, जिनमें 23 कैबिनेट 9 स्वतंत्र प्रभार तथा 21 राज्य मंत्री हैं। 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था। यूपी में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है।
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2022 से पहले योगी का अंतिम कैबिनेट विस्तार!
चर्चा है कि विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Chunav 2022) से पहले योगी मंत्रिमंडल का यह अंतिम फेरबदल होगा। ऐसे में मिशन 2022 की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए क्षेत्रीय व जातीय समीकरण साधने की तैयारी में है। साथ ही मंत्रिमंडल में ऐसे नये चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है, जो लगातार सक्रिय हैं और उन्हें अभी तक मौका नहीं मिला है। ऐसे लोगों में से कुछ को मंत्रिमंडल में और कुछ को भाजपा संगठन में उच्च पदों पर मौका दिया जाएगा। चर्चा है कुछ मंत्रियों को हटाकर संगठन में जबकि संगठन में लंबे समय से काम कर रहे लोगों को सरकार में मौका दिया जा सकता है।
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एके शर्मा मंत्रीपद की दौड में सबसे आगे
नौकरशाह से नेता बने एके शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का बेहद करीबी माना जाता है। बीते शुक्रवार को पीएम मोदी ने कोविड संक्रमण के नियंत्रण को लेकर एके शर्मा के काशी मॉडल की तारीफ की है। कहा कि काशी मॉडल न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे देश में रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक इसे उन्हें अहम जिम्मेदारी मिलने का संकेत मान रहे हैं। इसके अलावा शनिवार को 24 घंटों के भीतर जिस तरह से एके शर्मा पहले पीएम मोदी से मिले और फिर सीएम योगी से लखनऊ में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं।