यूपी बजट से की पांच खास बातें
यह भी पढ़ें
UP Budget 2022 : योगी 2.0 बजट से यूपी की जनता को कई उम्मीदें जानें किसकी खुलेगी लॉटरी
पहला यूपी बजट का कब पेश हुआ जानें यूपी प्रथम विधानसभा चुनाव वर्ष 1951 हुआ था। कांग्रेस के गोविंद बल्लभ पंत यूपी के सीएम बने। 14 मार्च 1952 को यूपी का पहला बजट 149 करोड़ रुपए का था। उस वक्त बजट का मुख्य फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर और चीनी मिल पर था। आज का बजट प्रथम बजट से 4000 गुना बड़ा हो गया है। यह भी पढ़ें : राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन करने के बाद कपिल सिब्बल ने एक राज का किया खुलासा, जानें सोनिया गांधी के बारे में क्या कहा पहले चमड़े का बैग फिर सूटकेस अब टैबलेट यूपी का पहला बजट जब सीएम गोविंद बल्लभ पंत ने पेश किया था तब वह चमड़े का बैग लेकर सदन पहुंचे थे। फिर उनके बाद सीएम चंद्रभानु गुप्ता, सम्पूर्णानंद, सुचेता कृपलानी ने भी इसको आगे बढ़ाया। वर्ष 1970 में सीएम चरण सिंह बैग की जगह सूटकेस लेकर सदन पहुंचे। फिर उनके बाद के सभी वीपी सिंह, मुलायम सिंह, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मायावती, अखिलेश यादव और सुरेश खन्ना भी सूटकेस लेकर बजट पेश किया। पर 2021—22 में बजट का तरीका बदल गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सूटकेस छोड़, टैबलेट के जरिए यूपी बजट पेश किया।
बजट सूटकेस की परम्परा कैसे आई जानें भारत में वर्ष 1860 में ब्रिटिश राज था। ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन ने पहली बार बजट पेश किया था। ब्रिटेन की क्वीन ने ग्लैडस्टन को एक चमड़े का बैग दिया था, जिसमें वे बजट से जुड़े कागजात को लेकर सदन गए थे। इसके बाद इसकी इतनी चर्चा हुई कि बजट के लिए चमड़े का बैग इस्तेमाल होने लगा। ब्रिटेन में 2010 तक यह चला।
यूपी बजट सबसे अधिक बार किसने पेश किया जानें पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ने सबसे अधिक 11 बार बजट पेश किया। वह 21 जनवरी 1976 को सीएम बने। मार्च 1976 में पहली बार बजट पेश किया। वह तीन बार यूपी की सीएम रही। एनडी तिवारी ने 4 बार बजट पेश किया। 7 बार वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने यूपी का बजट पेश किया। एनडी तिवारी ने वर्ष 2017 कांग्रेस अलविदा कह भगवा चोला धारण किया। दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह यादव ने 9 बार बजट पेश किया। फिर अखिलेश यादव ने लगातार 5 बार बजट पेश किया। मायावती ने 4 बार बजट पेश किया। सीएम योगी के कार्यकाल में सुरेश खन्ना बजट पेश करते आ रहे हैं। आज छठी बार बजट पेश करेंगे।
बजट बुक बंद यूपी बजट ऐप शुरू बजट बुक वर्ष 1952 से पहले से छप रही है। पर यूपी में वित्त वर्ष 2021-22 में बजट बुक छपनी बंद हो गई। वजह है यूपी बजट ऐप। यह प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस ऐप के जरिए बजट संबंधी सभी जानकारी मिल जाती है। 2020-21 के बजट के आंकड़े भी इस ऐप पर उपलब्ध हैं।
बजट बनाने में कितना वक्त लगता है जानें यूपी बजट बनाने में कितना वक्त लगता है। यह सवाल सभी को कौंध रहा है। आपको बता दें कि यूपी बजट बनाने में 4 महीने का वक्त लगता है। चुनाव 2022 की वजह से वित्त वर्ष 2022-23 का बजट मार्च में पेश नहीं हो सका।