भाजपा ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया है। ऐसी स्थिति में पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष के लिए नियुक्त करना चाहती है, जो पार्टी की नीतियों पर बेहतर काम कर सके। ऐसे में स्वतंत्र देव सिंह के उत्तराधिकारी के नामों पर कयासों का बाजार गरमाया हुआ है। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व ने नाम भी तय कर लिए हैं। बस ऐलान बाकी है।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चा में ये नाम यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक्टिव रहे। उनके पास संगठन के साथ-साथ सरकार चलाने का भी अनुभव रहा है। उन्हें सीएम योगी का विश्वासपात्र भी कहा जाता है। लेकिन अब उनके मंत्री और नेता सदन बनने के बाद राज्य में पार्टी को नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश है। वर्ष 2017 में यूपी चुनाव में भारी जीत के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को योगी सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया था। इसके बाद भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर चंदौली से सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को बैठाया था। 31 अगस्त 2017 को वे प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए और उनके ही नेतृत्व में पार्टी ने यूपी में लोकसभा का चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की।
मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद वे 16 जुलाई 2019 को यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हट गए। अब स्वतंत्र देव सिंह के योगी सरकार में मंत्री बनने और विधान परिषद में सदन का नेता बनाए जाने के बाद कई नाम रेस में आ गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष के लिए ओबीसी या ब्राह्मण समुदाय से किसी को चुने जाने की कवायद तेज है। विधान परिषद में नेता पद से डॉ. दिनेश शर्मा की विदाई के बाद से उनके नाम पर भी कयास लग रहे हैं। इनके अलावा श्रीकांत शर्मा और प्रमुख पिछड़ों में बीएल वर्मा, एसपी सिंह बघेल के नाम भी चर्चा में हैं।
संगठन में भी बदलाव प्रदेश अध्यक्ष के नाम के साथ ही संगठन में भी कई बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। जेपीएस राठौर और दयाशंकर सिंह को भी मंत्री बनाए जाने के बाद संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा। वहीं, स्वतंत्र देव सिंह अब दो जिम्मेदारियां देखेंगे, ऐसे में पार्टी का कामकाज देखने के लिए किसी सीनियर नेता को जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा चल रही है।