लखनऊ

दवा इंडस्ट्री में नंबर वन बनेगा यूपी, उद्यमियों के साथ मुख्य सचिव ने बनाया ये प्लान

UP News: उत्तर प्रदेश अब दवा इंडस्ट्री का एक हब बनेगा। हर रोग की दवा अब यहां मिलेगी। इसके लिए बड़े स्तर कार्य योजनाएं बन रही हैं।

लखनऊJul 14, 2022 / 10:06 pm

Snigdha Singh

UP become number one in pharmaceutical industry Chief Secretary made plan

एमएसएमई दवा इंडस्ट्री को बचाने के लिए शासन स्तर से कवायद शुरू हो गई है। 9 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ दवा उद्यमियों की मुलाकात के बाद गुरुवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रेश भार्गव और महामंत्री अतुल सेठ के साथ बैठक की। उद्यमियों ने कहा कि आपसे मुलाकात के बाद ड्रग विभाग के अधिकारियों का उत्पीड़न शुरू हो जाएगा। मुख्य सचिव ने भरोसा दिलाया कि उत्पीड़न नहीं होगा। दवा उद्योग शासन की प्राथमिकता की सूची में रहेगा और उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य यूपी बने, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव ने चंद्रेश भार्गव और अतुल सेठ से इंडस्ट्री की समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि दवा उत्पादन में अग्रणी राज्य रहा यूपी ड्रग विभाग के लखनऊ मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों की शिथिल कार्यशैली व निजी स्वार्थ के चलते पड़ोसी राज्यों से भी पिछड़ता जा रहा है। वर्तमान समय में दवा उद्योग की चार सौ से भी कम इकाइयां बची हैं जो पहले करीब 2000 थीं। उन्हें बताया गया कि नए उद्योगों की स्थापना तो दूर, वर्तमान में चल रही दवा इकाइयों को खुद को बचाए रखना मुश्किल हो गया है।
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टेंडरों में प्रतिभागी होने के लिए लगती है शर्त

उत्तर प्रदेश आज दवा उत्पादन के क्षेत्र में कहां खड़ा है, इसकी वस्तुस्थिति जानने के लिए पड़ोसी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं गुजरात के उद्योगों की स्थिति का अध्ययन करा लें। उद्यमियों ने बताया कि यूपी में सरकारी दवा की खरीद में टेंडरों में प्रतिभागी होने के लिए 5- 20 करोड़ या उससे अधिक की वार्षिक टर्नओवर की शर्त लगाई जाती है। इससे छोटे दवा उत्पादक टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाते। ये शर्त इसलिए लगाई गई है ताकि अधिकारी कुछ चुनिंदा बड़े निर्माताओं को लाभ पहुंचा सकें। कड़ी शर्त का ही परिणाम है कि चुनिंदा दवा निर्माता सिंडिकेट बनाकर अपने हिसाब से रेट देकर ऑर्डर ले रहे हैं।
अब नहीं होगा अत्पीड़न

उन्हें बताया गया कि देश के अधिकांश राज्यों में उनके प्रदेश की सभी सूक्ष्म, लघु, मध्यम इकाइयों को किसी भी तरह की टर्नओवर सीमा से मुक्त रखा गया है। इसके चलते वहां के उद्योग फल फूल रहे हैं। अधिकारियों की मनमानी पर मुख्य सचिव को बताया गया कि मुख्यालय पर तैनात अधिकारी ऊंची पहुंच के कारण तबादले के बाद भी कार्यभार ग्रहण नहीं करते हैं। वे तबादला भी रद करा लेते हैं। जब भी कोई उद्यमी उनकी कार्यशैली से शासन को अवगत कराता है तो उनका उत्पीड़न शुरू हो जाता है। इस मुलाकात के बाद उत्पादकों का उत्पीड़न फिर शुरू होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्पीड़न नहीं होगा और लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।
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