लखनऊ

नेपाल और दिल्ली-पंजाब में छा गया यूपी का केला, जानें क्या है खासियत

Banana Farming: उत्तर प्रदेश में तैयार किए जा रहे केले की मांग देश के साथ विदेशों में भी बढ़ने लगी है। इससे इसकी खेती करने वाले किसानों की किस्मत भी बदलने वाली है।

लखनऊOct 19, 2024 / 11:45 am

Vishnu Bajpai

Banana Farming: केले ने बदल दी किसानों की किस्मत, नेपाल, बिहार, पंजाब और दिल्ली में बढ़ी मांग, जानें खासियत

Banana Farming: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में उत्पादित केले की उच्च गुणवत्ता के कारण इसकी मांग देश के विभिन्न हिस्सों और मित्र राष्ट्र नेपाल तक में तेजी से बढ़ रही है। आने वाले वर्षों में यह फसल यूपी के किसानों की किस्मत बदलने वाली साबित हो सकती है, खासकर उन जिलों में जहां केले की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। इसका सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में शामिल कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी और बाराबंकी जैसे अनेक जिलों के उन किसानों को मिलेगा जो पिछले करीब डेढ़ दशक से केले की खेती कर रहे हैं। इनके केले की गुणवत्ता भी अच्छी है।

केंद्र सरकार तैयार कर रही ये प्रोजेक्ट

दरअसल केंद्र के खाद्य उत्पाद निर्यात प्रसंस्कृत प्राधिकरण (एपीडा) केला, आम, आलू, अनार और अंगूर सहित फलों और सब्जियों के करीब डेढ़ दर्जन उत्पादों का समुद्री रास्ते से निर्यात बढ़ाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर रही है। योगी सरकार के सात वर्षों के कार्यकाल के दौरान यूपी की कनेक्टिविटी एक्सप्रेस-वे, एयरवेज और रेल सेवाओं के जरिये वैश्विक स्तर की हो गई है। इसे लगातार और बेहतर बनाया जा रहा है। ऐसे में लैंड लॉक्ड होना यूपी की प्रगति के लिए कोई खास मायने नहीं रखता।
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केंद्र सरकार की पहल का यूपी को होगा सबसे ज्यादा लाभ

लिहाजा नरेंद्र मोदी सरकार की पहल का सर्वाधिक लाभ भी यूपी के किसानों को होगा। ऐसा इसलिए भी होगा क्योंकि योगी सरकार पहले से ही केले की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। केले को करीब छह साल पहले ही कुशीनगर का ओडीओपी (एक जिला,एक उत्पाद) घोषित करना इसका सबूत है। यहां सिर्फ केले की खेती ही नहीं हो रही है बल्कि कई स्वयं सहायता समूह प्रसंस्करण के जरिए केले के कई उत्पाद (जूस, चिप्स, आटा,आचार आदि) और केले के रेशे से भी कई उत्पाद (हर तरह के पर्स, योगा मैट, दरी, पूजा की आसनी, चप्पल, टोपी, गुलदस्ता,पेन स्टैंड आदि) बना रहे हैं।

38 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मिल रहा अनुदान

कुशीनगर के लोग हाल ही में योगी सरकार द्वारा ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड शो में भी गए थे। वहां भी उनके उत्पाद खूब पसंद किए गए। यही नहीं सरकार प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 38 हजार रुपए का अनुदान दे रही है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबंधित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (रहमान खेड़ा लखनऊ) के निदेशक टी. दामोदरन की अगुआई में वैज्ञानिकों की टीम लगातार केला उत्पादक क्षेत्रों में विजिट कर फसल में रोगों, कीटों के प्रकोप की निगरानी करती है। जिलों के कृषि विज्ञान केंद्र भी किसानों को लगातार फसल की संरक्षा और सुरक्षा के बारे में बताते रहते हैं।
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भारत विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश

एपीडा के आंकड़ों के मुताबिक भारत विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान से मिले आंकड़ों के मुताबिक भारत में लगभग 3.5 करोड़ मीट्रिक टन के उत्पादन के साथ लगभग 9,61,000 हेक्टेयर भूमि में इसकी खेती की जाती है। एपीडा के अनुसार वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 30 फीसद है। पर, करीब 16 अरब के वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ एक फीसद है।
एपीडा ने अगले दो से तीन वर्षों में केले का निर्यात बढ़ाकर एक अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। इसके मद्देनजर पहली बार मुंबई केले पर केंद्रित क्रेता विक्रेता सम्मेलन भी प्रस्तावित है। स्वाभाविक है कि इस सबका लाभ उत्तर के किसानों को सर्वाधिक मिलेगा।

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