लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के दो आतंकी, 15 अगस्त से पहले लखनऊ सहित अन्य शहरों को दहलाने की थी साजिश
हिरासत में मददगार बिल्डर
कानपुर से आतंकियों के मददगार एक बड़े बिल्डर को हिरासत में लिया गया है। यह युवाओं के रेडिकलाइजेशन में मदद के साथ ही आतंकियों को तबाही के लिए फंड उपलब्ध कराता था। मई में ही इन आतंकवादियों ने देश को दहलाने की साजिश रची थी। लेकिन कोरोना की वजह से मंसूबों पर पानी फिर गया।
छानबीन में पता चला है कि अलकायदा के इंडियन सब कांटिनेंट के चीफ उमर हलमंडी ने देवबंद के कुछ लोगों से संपर्क किया था ताकि यूपी में आतंक की नर्सरी तैयार की जा सके।
शहरों में छोटे-छोटे फिदायीन ग्रुप तैयार कर रहा अलकायदा, खतरनाक थे आतंकियों के इरादे
आतंकियों का गढ़ बना लखनऊ
लखनऊ में आतंकी संगठन गहरी पैठ जमा चुके हैं। आतंकियों को पनाह मिलने के अलावा यहां से प्रदेश के दूसरे जिलों और अन्य राज्यों में नेटवर्क बनाने में खासी मदद मिलती है। बीते 15 साल में लखनऊ में हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा, आइएसआइएस के मॉड्यूल के तमाम आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं।
– मई 2005 में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य सादात रशीद और इरफान गिरफ्तार
– दिसंबर 2006 में आइएसआइ एजेंट अब्दुल शकूर और अनिल पकड़े गए
– जून 2007 में हूजी का एरिया कमांडर बाबू भाई और उसका साथी नौशाद सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ा
– जुलाई 2007 को आतंकी नूर इस्लाम की निशानदेही पर आरडीएक्स और डेटोनेटर बरामद
– नवंबर 2007 में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी गिरफ्तार
– नवंबर 2009 में पाकिस्तान का जासूस आमिर अली पकड़ा गया
– मार्च 2017 में आइएसआइएस के खुरासान मॉड्यूल का आतंकी सैफुल्ला उर्फ सैफई मारा गया