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एटीएस के अनुसार, राम सिंह भारतीय नौसेना के कर्मचारियों और शिपयार्डों में काम करने वाले प्राइवेट व्यक्तियों को बहला-फुसला कर और धन का लालच देकर संवेदनशील जानकारी हासिल कर रहा था। राम सिंह गोवा शिपयार्ड नेवल बेस में पार्ट-टाइम वर्कर के रूप में काम करता था और नौसेना के युद्धक जहाजों में इंसुलेशन लगाने का काम करता था। शिपयार्ड में आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत जैसे युद्धक जहाज आते थे, जिनकी तस्वीरें राम सिंह ने ISI एजेंट को भेजी थीं। इसके बदले में उसे फंडिंग भी मिली। यह भी पढ़ें
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एटीएस की पूछताछ में राम सिंह ने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से फेसबुक और व्हाट्सऐप के माध्यम से एक पाकिस्तानी महिला जासूस, जो खुद को कीर्ति कुमारी बताती थी, के संपर्क में था। वह महिला राम सिंह से गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं प्राप्त कर रही थी और इसके बदले में उसे फंडिंग कर रही थी। यह भी पढ़ें