लखनऊ

आजम खान ही नहीं, राजा भैया, मुख्तार अंसारी समेत, सलाखों के पीछे रहकर चुनाव लड़ चुके हैं ये नेता

UP Election- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने जब प्रत्याशियों की सूची जारी की तो इसमें दो नाम ने सबका ध्यान खींचा। इसमें एक बड़ा नाम है आजम खान जो कि रामपुर विधानसभा से एक बार फिर सपा के ही टिकट पर ताल ठोंक रहे हैं।

लखनऊJan 31, 2022 / 09:55 pm

Karishma Lalwani

UP Assembly Election These Politicians Contested Elections from Jail

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने जब प्रत्याशियों की सूची जारी की तो इसमें दो नाम ने सबका ध्यान खींचा। इसमें एक बड़ा नाम है आजम खान जो कि रामपुर विधानसभा से एक बार फिर सपा के ही टिकट पर ताल ठोंक रहे हैं। लेकिन वो इस वक्त जेल में हैं। इसी तरह कैराना विधानसभा सीट से सपा विधायक नाहिद हसन सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब कोई जेल में रहते हुए चुनाव लड़ेगा। पहले भी कई राजनेता जेल में रहकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते हैं। इनमें कुछ तो मंत्री भी बने।
हरिशंकर तिवारी

उत्तर प्रदेश की राजनीति और जेल का पुराना नाता है। जब हरिशंकर तिवारी ने 1985 में जेल में रहते हुए ही गोरखपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद राजनीति में उनका कद बढ़ता चला गया। वह मंत्री तक बने। 1985 के इसी चुनाव में वीरेंद्र प्रताप शाही, दुर्गा यादव और राजबहादुर शाही ने भी जेल में रहते हुए चुनाव जीता था।
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रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया

राजा भैया एक दबंग नेता के तौर पर जाने जाते हैं। उन पर वर्तमान में कई केस हैं। राजा भैया 1993 से लगातार कुंडा विधानसभा से जीतते आ रहे हैं और 2002 का चुनाव उन्होंने जेल से लड़ा और जीता था। उसके बाद वो मंत्री भी बने। वह कुंडा से लगातार निर्दलीय जीतते आ रहे हैं और अब राजा भैया ने जनसत्ता दल के नाम से अपनी पार्टी बनाई है। इस बार भी राजा भैया कुंडा से चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्तार अंसारी

मऊ सदर विधानसभा से लगातार चुनाव जीतने वाले मुख्तार अंसारी भी जेल में रहते हुए चुनाव जीत चुके हैं। अभी वो जेल में बंद हैं और उनके मऊ सदर विधानसभा से चुनाव लड़ने की उम्मीद है। मऊ सदर सीट से बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी ने 2017 में जेल से ही चुनाव जीता था।
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अखिलेश सिंह

उत्तर प्रदेश की रायबरेली सदर सीट से अखिलेश सिंह 90 के दशक से ही जीतते आ रहे हैं। वह पांच बार रायबरेली की सदर सीट से विधायक रहे। हत्या, हत्या की कोशिश और डकैती जैसे 45 मुकदमे अखिलेश सिंह पर थे। उन्होंने भी जेल में रहते हुए चुनाव जीता था। 2017 में उन्होंने अपनी बेटी अदिति सिंह को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाया और वह जीत गई थीं। फिलहाल अदिति बीजेपी में हैं और रायबरेली सदर सीट से ताल ठोकेंगी.

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