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लखनऊ

यूपी के कृषि विवि बना रहे युवाओं को बेरोजगार, आंकड़ा जान हैरान हो जाएंगे आप

Agriculture University in UP: उत्तर प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय युवाओं को बेरोजगार बना रहे हैं। बड़ी संख्या में छात्रों को रोजगार नहीं मिल रहा।

लखनऊJun 16, 2022 / 12:45 pm

Snigdha Singh

UP Agriculture Universities making Students Unemployed

UP Agriculture Universities making Students Unemployed

प्रदेश के चार कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हर साल 500 युवाओं को ‘बेरोजगार’ बना रहे हैं। यह सिलसिला आठ साल से चल रहा है। इन युवाओं के पास विवि की डिग्री तो है लेकिन प्रदेश सरकार से निकलने वाली विभिन्न भर्तियों में वह मान्य नहीं है। जबकि इन युवाओं को विवि एक कठिन प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद दाखिला देता है।
प्रदेश में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ और बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हैं। यहां 2014 से हार्टिकल्चर में बीएससी (ऑनर्स) और एमएससी की पढ़ाई कराई जा रही है। हर साल करीब 500 छात्र डिग्री लेकर पास होते हैं। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने अपनी नियुक्तियों में इस प्रोफेशनल डिग्री को मान्य नहीं किया है। यहां तक कि शिक्षक पद को भी हार्टिकल्चर मान्य नहीं है जबकि इसमें हर विषय को वैल्यू दी गई है।
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अन्य प्रदेशों में हार्टिकल्चर को कृषि के बराबर मान्यता

यूपी में हार्टिकल्चर की उपाधि को एग्रीकल्चर की उपाधि के समतुल्य माना जाता है। लेकिन लोक सेवा आयोग समेत अन्य विभाग इसे अयोग्य करार देते हैं। जबकि दूसरे राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार में समतुल्य डिग्री मानकर भर्तियों में बराबरी दी जाती है।
इन भर्तियों में हार्टिकल्चर नहीं है योग्य

-उप्र लोक सेवा आयोग (सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट)

-उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (गन्ना पर्यवेक्षक)

-उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड – टीजीटी

-उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड – पीजीटी
भर्तियों में नहीं किया गया शामिल

सीएसजेएमयू हार्टिकल्चर विभागाध्यक्ष प्रो. वीके त्रिपाठी के अनुसार शासन से निकलने वाली भर्तियों में हार्टिकल्चर को शामिल नहीं किया जा रहा है। छात्रों के विरोध के बाद पिछले वर्ष भर्ती में हार्टिकल्चर छात्रों को मौका मिला था। लेकिन इस बार फिर हार्टिकल्चर को भर्तियों में शामिल नहीं किया गया है। इसको लेकर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति ने शासन को पत्र लिखा है।

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