ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने स्वतंत्र देव सिंह समेत 5 मंत्रियों का इस्तीफा किया मंजूरी, देखें लिस्ट सिपाही ने याचिका में कहा यह- आमिर ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका में कहा है कि ट्रायल कोर्ट में गलत तरीके से उनके खिलाफ दो मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है। तीस हजारी कोर्ट ने 13 अगस्त को आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर व 9 अन्य लोगों के खिलाफ धारा 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत संयम), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 193 (झूठे सबूत) के तहत आरोप तय किए थे। इसके अलावा आरोप पत्र में आईपीसी की शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत और धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना), 166 (लोक सेवक की अवहेलना कानून, किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से) और 167 (लोक सेवक को दोषी ठहराना) शामिल है।
ये भी पढ़ें- यूपी पुलिस में अचानक हुआ बड़ा फेरबदल, 14 IPS के हुए तबादले, 7 जिलों के बदले कप्तान इन लोगों के खिलाफ आरोप तय- दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 13 अगस्त को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे। हत्या के मामले में यूपी की अदालत से भी आरोप तय हो गए थे, लेकिन दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने हत्या और ऑर्म्स एक्ट के मामलों को एक में ही मिलाते हुए आरोप तय कर दिए थे। हत्या और झूठे केस के मामले में कुलदीप सेंगर व उसके भाई अतुल सेंगर, माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, एसआई कामता प्रसाद, सिपाही आमिर खान सहित कुल 10 आरोपित हैं।
ये भी पढ़ें- यूपी है 13वां सबसे महंगा पेट्रोल बेचने वाला प्रदेश, इन राज्यों में बिकता सबसे सस्ता पेट्रोल, जानें पूरी सच्चाई, देखें लिस्ट पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई थी मौत-
आरोप पत्र अदालत ने पढ़कर सुनाया था, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि पीड़िता के पिता की हत्या की गया थी। उनके शरीर पर करीब 18 जगह चोटें आई हैं। वहीं चौथे दिन पुलिस हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई थी। बताया गया कि यह पूरा षड्यंत्र सिर्फ इसलिए रचा गया था ताकि पीड़िता अपनी शिकायत न दर्ज कर सके। इस दौरान यह पाया गया कि पुलिस ने जिस दौरान पीड़िता के पिता को पीटा, उस वक्त के गवाहों के बयान से साफ है कि सेंगर पुलिस के संपर्क में था।
आरोप पत्र अदालत ने पढ़कर सुनाया था, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि पीड़िता के पिता की हत्या की गया थी। उनके शरीर पर करीब 18 जगह चोटें आई हैं। वहीं चौथे दिन पुलिस हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई थी। बताया गया कि यह पूरा षड्यंत्र सिर्फ इसलिए रचा गया था ताकि पीड़िता अपनी शिकायत न दर्ज कर सके। इस दौरान यह पाया गया कि पुलिस ने जिस दौरान पीड़िता के पिता को पीटा, उस वक्त के गवाहों के बयान से साफ है कि सेंगर पुलिस के संपर्क में था।