लखनऊ

कुलदीप सेंगर को लेकर आई सबसे बड़ी खबर, कोर्ट ने लिया बहुत बड़ा फैसला, CBI के इस सबूत से खुले कई राज

सेंगर के परिवार ने उठाई पॉलीग्राफी व नार्को टेक्ट की मांग.

लखनऊAug 09, 2019 / 05:21 pm

Abhishek Gupta

Kuldeep Singh Sengar

लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद उन्नाव गैंगरेप (Unnao Gangrape) मामले की कार्रवाई में तेजी ला दी गई है। मुख्य आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) की सुनवाई कर रही तीस हजारी कोर्ट (Tees Hazari Court) में शुक्रवार को जज ने बताया कि सेंगर पर बड़े आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि सेंगर के खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), 376 (बलात्कार) और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) एक्ट 3 व 4 की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। इससे पूर्व विधायक के खिलाफ हत्या की साजिश रचने का केस दर्ज हुआ था। यह केस रायबरेली में तब दर्ज हुआ जब पीड़िता व उसके परिवार व वकील सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ जेल में बंद पीड़िता के चाचा ने भारतीय दंड संहिता की 302, 307, 506 120B की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। कुलदीप सिंह सेंगर वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद हैं। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के ही एम्स अस्पताल में पीड़िता व उसका वकील जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। इसी के साथ उच्च न्यायालय द्वारा 15 दिनों की समय सीमा मिलने के बाद सीबीआई की अन्य टीमें यूपी में जांच कर रही हैं।
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सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि सेंगर के खिलाफ आरोप सही-
इससे पहले गुरुवार को ही सीबीआई ने कोर्ट को बता दिया था कि सेंगर पर लगाए गए रेप के आरोप सही पाए गए हैं। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सफा कर दिया था कि कुलदीप सिंह सेंगर पर 4 जून 2017 को पीड़िता के साथ बलात्कार करने और शशि सिंह को साजिश में शामिल करने के आरोप सही हैं। इसी के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी।
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पॉलीग्राफी व नार्को टेक्ट की उठी मांग-
उधर कुलदीप सिंह के रिश्तेदारों ने पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। उनके रिश्तेदार निपेंदर सिंह का कहना है कि इससे ही सच्चाई सामने आएगी। निपेंदर सिंह ने कहा कि सेंगर बेकसूर हैं। हम लोगों ने उनका व्यवहार देखा है। अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो वैज्ञानिकता के आधार पर सबूत मिल जाएंगे। पीड़िता ने घटना के पांच महीने बाद मामला दर्ज कराया। इसलिए डीएनए टेस्ट अभी नहीं लिया जा सकता। अभी सिर्फ पॉलीग्राफ या नार्को टेस्ट ही लिया जा सकता है।
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unnao rape
ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को लेकर सीबीआई पहुंची मौरंग मंडी-
वहीं सीबीआई की दूसरी टीम सड़क दुर्घटना के 12 वें दिन गुरुवार को ट्रक के ड्राइवर आशीष पाल और क्लीनर मोहन श्रीवास को लेकर कानपूर रोड स्थित मौरंग मंडी पहुंची जहां यह पता लगाया कि दोनों के किस दुकान पर मौरंग उतारी थी। सीबीआई ने ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को दुकान में मौजूद कर्मचारियों से आमना-सामना करवाया, जिससे बात सच साबित हुई है।
क्या हुआ पिछले दो सालों में-

11 से 20 जून 2017- कुलदीप सेंगर, उनके भाइयों पर महिला ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया
3 अप्रैल 2018 – सेंगर के भाई और उनके गुर्गों पर पीड़िता के घर में घुसकर पिता की बर्बरतापूर्वक पिटाई करने का लगा आरोप लगा।
5 अप्रैल 2018 – आर्म्स एक्ट में पीड़िता के पिता को गिरफ्तार किया गया, 14 दिन की हिरासत में भेजा गया।
9 अप्रैल 2018- पिता की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत
12 अप्रैल 2018 – मामला ने तूल पकड़ा, सीबीआई को सौंपी गई जांच, विधायक को लिया गया हिरासत में
18 अप्रैल 2018- पिता पर एफआईआर फर्जी पाई गई
19 अप्रैल 2018 – विधायक के पास से वाई श्रेणी सुरक्षा हटाई गई
1 मई 2018 – पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर लगाया आरोप, कहा- केस सीबीआई को सौंपने से पहले सेंगर को बचाने की नीयत से शिकायत बदली गई।
2 मई 2018- इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की
8 मई 2018- सीबीआई को विधायक के खिलाफ मिले सबूत, उन्‍नाव से सीतापुर जेल किया शिफ्ट
17 मई 2018 – सीबीआई ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को किया गिरफ्तार.
21 मई 2018 – पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के झूठे केस में फंसाने में सेंगर की संलिप्तता के मिले सबूत मिले। इसके बाद करीब एक साल मामला शांत रहा.
28 जुलाई 2019- पीड़िता, मौसी, चाची और वकील भीषण सड़क हादसे के हुए शिकार, चाची और मौसी की हुई मौत, पीड़िता और वकील की हालत गंभीर.

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