लखनऊ

अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी की साधुगिरी 40 दिन में ही खत्म, जूना अखाड़े ने किया बर्खाश्त

Juna Akhara action:जेल में बंद कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी की साधुगिरी महज 40 दिन में ही खत्म हो गई है। उसकी सन्यास दीक्षा को जूना अखाड़े ने बर्खाश्त कर दिया है। इसी के साथ ही पीपी का साधु का चोला भी उतर जाएगा।

लखनऊOct 16, 2024 / 07:09 am

Naveen Bhatt

जूना अखाड़े ने अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी की दीक्षा बर्दाख्त कर दी है

Juna Akhara action:अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का करीबी कुख्यात डॉन पीपी पिछले कई साल से जेल में बंद है। बीते पांच सितंबर को खुद को जूना अखाड़े का बताते हुए कुछ संतों ने जेल में बंद पीपी को दीक्षा देने की घोषणा की थी। दावा किया गया था कि अल्मोड़ा जेल में संन्यास दीक्षा दिलाने के बाद पीपी को प्रकाशानंद गिरी नाम दिया गया है। ये भी बताया गया था कि उसे मुनस्यारी के कामद मठ, गंगोलीहाट के लंबकेश्वर मठ और यमुनोत्री के भैरो एवं भद्रकाली मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया लिया था। मामले को तत्काल जूना अखाड़े ने संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित कर दी थी। जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी ने बताया कि प्रकरण की जांच अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी की अध्यक्षता में बनीं कमेटी ने की है। श्रीमहंत हरिगिरी ने पीपी की सन्यास की दीक्षा बर्खाश्त करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बताया कि दीक्षा खत्म होने के बाद पीपी अखाड़े के किसी मठ का संचालन नहीं कर पाएगा।

संतों पर कार्रवाई पर फैसला नहीं

श्रीमहंत हरिगिरी के मुताबिक जेल में कुख्यात बदमाश पीपी को दीक्षा देने वालों में कुछ फर्जी संत शामिल थे। दशनामी (जूना अखाड़ा) के केवल दो-तीन संत उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि दीक्षा खत्म कर अंडरवर्ल्ड डॉन को अखाड़े से बाहर कर दिया गया है। उनके मुताबिक दीक्षा देने में शामिल अखाड़े के संतों पर कार्रवाई पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस मामले में सरकार के स्तर पर भी जांच चल रही है।
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वियतनाम से हुई थी गिरफ्तारी

अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी की गिरफ्तारी करीब 14 साल पहले वियतनाम से हुई थी। तब से वह उत्तराखंड की कई जेलों में बंद रहा। इस वक्त वह अल्मोड़ा जेल में सजा काट रहा है। उस पर मुंबई में हत्या, फिरौती, गैंगवार समेत कई मामलों में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। पीपी को छोटा राजन का करीबी माना जाता है। 90 के दशक में पीपी ने दाउद इब्राहिम की सुपारी भी ली थी। वह दाउद को मारने के लिए कराची तक भी पहुंच गया था, लेकिन मकसद में कामयाब नहीं हो पाया था।

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