संतों पर कार्रवाई पर फैसला नहीं
श्रीमहंत हरिगिरी के मुताबिक जेल में कुख्यात बदमाश पीपी को दीक्षा देने वालों में कुछ फर्जी संत शामिल थे। दशनामी (जूना अखाड़ा) के केवल दो-तीन संत उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि दीक्षा खत्म कर अंडरवर्ल्ड डॉन को अखाड़े से बाहर कर दिया गया है। उनके मुताबिक दीक्षा देने में शामिल अखाड़े के संतों पर कार्रवाई पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस मामले में सरकार के स्तर पर भी जांच चल रही है। संबंधित खबर:-
कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी को महंत बनाने से साधु-संत हैरान, बड़ी साजिश की आशंका वियतनाम से हुई थी गिरफ्तारी
अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी की गिरफ्तारी करीब 14 साल पहले वियतनाम से हुई थी। तब से वह उत्तराखंड की कई जेलों में बंद रहा। इस वक्त वह अल्मोड़ा जेल में सजा काट रहा है। उस पर मुंबई में हत्या, फिरौती, गैंगवार समेत कई मामलों में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। पीपी को छोटा राजन का करीबी माना जाता है। 90 के दशक में पीपी ने दाउद इब्राहिम की सुपारी भी ली थी। वह दाउद को मारने के लिए कराची तक भी पहुंच गया था, लेकिन मकसद में कामयाब नहीं हो पाया था।