मार्केटिंग एक्सपर्ट का कहना है कि जीएसटी परिषद के इस कदम से डेयरी कंपनियों को अतिरिक्त लागत के प्रभाव से गुजरने के लिए अपने उपभोक्ता मूल्यों में बढ़ोतरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 47 वीं बैठक में जीएसटी परिषद ने छूट को वापस लेने के तहत कहा कि अब तक, ब्रांडेड नहीं होने पर निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों, अनाज आदि पर जीएसटी में छूट दी गई थी। ब्रांड पर अधिकार छोड़ दिया गया था, जिसे संशोधित करने की सिफारिश की गई है। उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी राज्यों में नई दरें लागू होंगी।
यह भी पढ़े – बकरीद पर कानपुर की गलियों में घूम-घूम कर बेचे जा रहे बकरे, जानिए बड़ी वजह अभी तक शून्य थी जीएसटी दर रिसर्च एनालिस्ट अनिरुद्ध जोशी ने अपने शोध नोट में कहा कि दही और लस्सी पर जीएसटी की दर वर्तमान में शून्य है जिसे पांच फीसदी किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिकांश डेयरी कंपनियों के लिए दही एक प्रमुख उत्पाद है और उनकी कुल कमाई में दही और लस्सी का योगदान 15 से 25 फीसदी है। इसी तरह आटा और अनाज की बेसन आदि की कीमत बढ़ गई है। वहीं भूसा का दाम बढ़ने पर पहले से ही दूध महंगा था अब जीएसटी के बाद दूध की कीमतें और बढ़ जाएंगी।