गनर संदीप एक महीना पहले अपने घर आए थे। पत्नी रीमा की तबीयत खराब थी। इस वजह से वो उसे अपने साथ प्रयागराज ले आए। मां-पिता शहर जाने से रोका तो उन्होंने दोनों को भरोसा दिया कि अबकी होली गांव पर ही मनेगी। गनर संदीप के पिता का नाम संतराम और माता का नाम समुंदरी देवी है।
फोन पर घर पर होली खेलने की बात कही थी संदीप
गनर संदीप के बड़े भाई प्रदीप जो फरीदाबाद की प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। उन्होंने भी होली पर लौटने की बात कही थी। इस बात की जानकारी संदीप के छोटे भाई दीपचंद निषाद ने फोन पर बताई। जानकारी देते वक्त वह हुए बिलख उठे थें। गनर संदीप की एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है।
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गनर संदीप की मृत्यु की खबर उनके ग्राम प्रधान शक्ति सिंह को शाम 7 बजे दिया गया। फिर शक्ति सिंह ने संदीप के परिजन को बताया की वह गंभीर रूप से बीमार है। साथ ही परिजन प्रयागराज आने को भी कहा है। परिजन घबड़ा गए और रात के 11 बजे तक वहां जा पहुंचे।
घटना की सूचना जब गांव पहुंची तो सन्नाटा पसर गया
परिजन रास्ते में भगवान से गुहार लगाते हुए जा रहे थे कि संदीप की तबियत ठीक हो। ऐसे में भगवान भी क्या करते? जो पहले ही दुनिया को अलविदा कह चुका था। जब परिजनों ने गनर संदीप की शव को देखा तो रोने बिलखने लगे। घटना की सूचना जब गांव पहुंची सन्नाटा पसर गया।
संदीप के घर में भाभी दो बच्चों के साथ अकेली हैं। पास-पड़ोस की महिलाएं उन्हें संभालने में लगीं हुई हैं। खुश मिजाज संदीप को पास-पड़ोस के लोग भी भूल नहीं पा रहे हैं। संदीप की सवा दो साल पहले ही दीदारगंज थाने के लसड़ाखुर्द गांव की रीमा से शादी हुई थी। उन्हें कोई बच्चा नहीं है।