लखनऊ

2 गरीब, एक स्वीपर और एक बनाता पंक्चर, कैसे बन गए करोडपति

Poor Millionaire Big News: उत्तर प्रदेश के दो कुबेरपतियों की कहानी का खुलासा हुआ। यह कहानी आपको आश्चर्य में डाल देगी। स्वीपर और पंक्चर बनाने वाला कैसा बन गया करोड़ो का मालिक।

लखनऊMay 25, 2022 / 11:40 pm

Snigdha Singh

Two poor become millionaire in Prayagraj and Bareilly Shocking Story

पैसा कमाने के दो तरीके हो सकते हैं। ईमानदारी से कमाई करना और अवैध तरीके से पैसा जुटाना। दो ऐसे करोड़पतियों के मामले उजागर हुए हैं जो देखने में बहुत गरीब दिखते हैं लेकिन इन दोनों की इन दिनों सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। प्रयागराज के एक स्वीपर ने गरीबी में जीवन बिताते हुए दस साल की कड़ी मेहनत से अपने बैंक में एक करोड़ रुपए जोड़ा है। उस शख्स की ईमानदारी की सभी मिसाल दे रहे हैं। उससे बचत के तरीके की सीख ली जा रही है। वहीं बरेली के एक व्यक्ति ने गरीब बनने का ढोंग किया। पंक्चर बनाने की आड़ उसने स्मैक और चरस बेचकर कम समय में करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली। हालांकि, अब उसकी अवैध संपत्ति सील कर दी गयी है। वह जेल में है। हर तरफ उसके कृत्यों को लेकर थू-थू हो रही है।
केसः-1

करोड़पति स्वीपर जो नहीं छूता सैलरी, भरता है इनकम टैक्स

प्रयागराज के सीएमओ ऑफिस के कुष्ठ रोग विभाग में कार्यरत धीरज नामक स्वीपर करोड़पति है। उसके बैंक खाते में 70 लाख रुपये से अधिक जमा हैं। लाखों की जमीन और मकान है। खास बात यह है कि धीरज ने 10 साल से अपने सैलरी एकाउंट से कभी सैलरी ही नहीं निकाली।
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मांग कर चला लेता है काम

धीरज बहुत ही साधारण वेशभूषा में रहता है। उसका रहन-सहन और उसके गंदे कपड़े देखकर लोग उसे प्रथम दृष्टया भिखारी ही समझते हैं। इसका वह फायदा भी उठाता है और लोगों के पैर छूकर, रुपये मांगकर अपना खर्च चलाता है। इससे उसे इतना पैसा मिल जाता है कि उसके हर रोज के खर्च निकल आते हैं।
पिता की जगह नौकरी

धीरज के पिता भी सीएमओ कार्यालय में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे। नौकरी के बीच उनकी मौत हो गई। 2012 में पिता की जगह धीरज को स्वीपर की नौकरी मिली। नौकरी मिलने के बाद से उसने अपनी सैलरी बैंक से नहीं निकाली। उसकी मां की पेंशन आती है। इससे घर का खर्च चल जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि धीरज, केंद्र सरकार को इनकम टैक्स भी देता है।
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कोई रकम न हड़प ले इसलिए नहीं की शादी

धीरज के परिवार में उसकी मां और एक बहन भी हैं। धीरज ने अभी शादी नहीं की है। बताया गया कि वह इस डर से शादी नहीं करना चाहता है कि कहीं उसकी रकम कोई ले न ले। हालांकि, कर्मचारियों के अनुसार, धीरज थोड़ा दिमागी कमजोर है। हालांकि, वह ईमानदारी और मेहनत से अपना काम करता है।
केसः-2

बनाता था पंक्चर बेचता था स्मैक, बन गया करोड़पति

बरेली में दिल्ली-लखनऊ हाईवे के किनारे टायर पंक्चर बनाने बनाने वाला करोड़पति निकला। लेकिन जब उसकी हिस्ट्री खंगाली गयी तो उसके लकड़ी के खोखे में स्मैक की पुडिय़ा निकलीं। अवैध कमाई से उसने शो-रूम और कोठी बना ली है। हालांकि वह अनपढ़ है।
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बरेली में नकटिया के इस्लाम खान ने कुछ साल पहले हाई-वे के किनारे टायर-पंक्चर बनाने का खोखा खोला था। लेकिन यहां वह ड्रग्स की तस्करी करता था। देखते ही देखते उसने सात करोड़ रुपए की संपत्ति जमा कर ली। लोगों की नजरों में न आए इसलिए वह पंक्चर बनाने का काम करता था। पूछताछ में उसने बताया कि वह तस्करी के इस धंधे में कुख्यात तस्कर नन्हे लंगड़ा की वजह से आया। ड्रग और स्मैक की तस्करी से वह कम ही समय में इतनी सम्पत्ति जुटा ली। उसकी सारी संपत्ति पत्नी व बेटों के नाम पर थी। अवैध कमाई से वह बाइक का शोरूम भी खोला था। हालांकि इसे बीडीए ने ध्वस्त कर दिया था।
ऐसे हुआ खुलासा

कुछ समय पहले बरेली पुलिस ने स्मैक तस्कर नन्हे लंगड़ा व उसके भतीजे को स्मैक तस्करी करते हुए पकड़ा था। जांच के दौरान पुलिस को इस्लाम खान का नाम सामने आया। एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि इस्लाम के रहन-सहन पर शक होने के बाद जब उसके आधार कार्ड की जांच हुई तो उसकी और उसके परिवार वालों ने आयकर रिटर्न में बड़ी रकम दिखाई दी थी जो बहुत कम समय में आई थी। पता चला यह सारी संपत्ति ड्रग्स तस्करी से जमा की गयी। उसके हाई-वे पर बहुमंजिला इमारत और बाइक का शोरूम का भी पता चला।
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