ठेके पर बुलाए गए थे डॉक्टर अस्पताल के पंजीकरण के तहत जमा डॉक्टरों की सूची व उसके रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि पैनल में जिन डॉक्टरों के नाम दिए थे उसमें कैंसर विशेषज्ञ शामिल है या नहीं। इसकी पड़ताल की जाएगी। ठेके पर डॉक्टर बुलाकर ऑपरेशन कराए जाने पर अस्पताल को नोटिस दी जाएगी।
कैंसर मरीज दलाल के चक्कर में फसा सीतापुर के मिश्रिख निवासी श्यामू (55) के जबड़े में गांठ थी। परिवारीजन दलालों के चंगुल में फंस गए थ। मरीज को लेकर मड़ियांव के निजी अस्पताल में लेकर आ गए। परिवारजनों का आरोप है कि चार लाख रुपये लेने के बाद 80 हजार की मांग की गई। अस्पताल प्रशासन ने मरीज को बंधक बना दिया। डिप्टी सीएम के हस्तक्षेप के बाद मरीज अस्पताल के चंगुल से छूट सका। स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच कर रहा है।
1200 प्राइवेट अस्पताल मरीजों की जान डालते है खतरे में शहर में करीब 1200 प्राइवेट अस्पताल हैं। इसमें ज्यादातर ठेके पर डॉक्टरों को बुलाकर गंभीर बीमारियों का इलाज मरीजों को मुहैया कराया जा रहा है। ऑपरेशन के बाद मरीजों को कौन देखता है? इसकी जानकारी किसी को नहीं दी जाती है। ऐसे में गंभीर मरीजों की जान खतरे में रहती है।