लखनऊ सीएमओ ऑफिस से पहुंची टीम के मुताबिक, न तो साध्वी की सांस चल रही है और ना ही पल्स। उनका दिमाग भी काम नहीं कर रहा है। हालांकि, थोड़ी सी हलचल देखी गई है। चूंकि मेडिकल साइंस समाधि को नहीं मानती। ऐसी हालत में साध्वी की इस अवस्था को मेडिकल टर्म में कोमा कहा जा सकता है।
हलचल की बात के लिए बनाया गया दबाव
टीवी9 भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीएचसी के अधीक्षक डॉ जेपी सिंह का बड़ा बयान इस पर आया है। डॉ. जेपी सिंह के मुताबिक, साध्वी के शरीर की जांच करने के लिए सीएचसी से डॉक्टर के साथ टेक्नीशियन गए थे। जब शरीर की ईसीजी जांच की जा रही थी तो वहां पर कई लोग मौजूद थे। वहां मौजूद लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि शरीर में हलचल दिख रही है। वहां मौजूद डॉक्टर ने शरीर में इसलिए हलचल की बात कही, क्योंकि उनपर दबाव बनाया जा रहा था। हालांकि, ईसीजी की रिपोर्ट स्टेट लाइन थी ये बात आश्रम के लोगों को भी बताई गई है।
टीवी9 भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीएचसी के अधीक्षक डॉ जेपी सिंह का बड़ा बयान इस पर आया है। डॉ. जेपी सिंह के मुताबिक, साध्वी के शरीर की जांच करने के लिए सीएचसी से डॉक्टर के साथ टेक्नीशियन गए थे। जब शरीर की ईसीजी जांच की जा रही थी तो वहां पर कई लोग मौजूद थे। वहां मौजूद लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि शरीर में हलचल दिख रही है। वहां मौजूद डॉक्टर ने शरीर में इसलिए हलचल की बात कही, क्योंकि उनपर दबाव बनाया जा रहा था। हालांकि, ईसीजी की रिपोर्ट स्टेट लाइन थी ये बात आश्रम के लोगों को भी बताई गई है।
‘विज्ञान की भाषा में माना जाएगा डेथ’ डॉ. जेपी सिंह के मुताबिक, ईसीजी रिपोर्ट में स्टेट लाइन होने का मतलब विज्ञान की भाषा में डेथ माना जाएगा। इसलिए EEG टेस्ट करवाना जरूरी है। इसके लिए आश्रम को भी लिखित में सलाह दी गई है। EEG एक दर्दरहित टेस्ट है, जिसके जरिए दिमाग की गतिविधि को तरंगों के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाता है। यह टेस्ट इसलिए किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि दिमाग काम कर रहा है या नहीं।
गुरु मां ने 28 जनवरी को ली थी समाधि
लखनऊ के जानकीपुरम के पास आनंद आश्रम है। यहां गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी को समाधि ली थी। समाधि से पहले आशुतोषाम्वरी ने एक वीडियो जारी किया था। इसमें कहती हुई दिखाई दी थीं कि वह इसलिए समाधि में जा रही हैं, ताकि उनके गुरु आशुतोष महाराज अपने शरीर में वापस आ जाएं।
लखनऊ के जानकीपुरम के पास आनंद आश्रम है। यहां गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी को समाधि ली थी। समाधि से पहले आशुतोषाम्वरी ने एक वीडियो जारी किया था। इसमें कहती हुई दिखाई दी थीं कि वह इसलिए समाधि में जा रही हैं, ताकि उनके गुरु आशुतोष महाराज अपने शरीर में वापस आ जाएं।
10 साल पहले गुरु ने ली थी समाधि दरअसल, गुरु आशुतोष महाराज 10 साल पहले समाधि ले चुके हैं। 28 जनवरी 2014 को आशुतोष महाराज ने समाधि ली थी, उनके शिष्यों ने आशुतोष महाराज के शरीर को सुरक्षित रखा है। उन्हें भरोसा है कि उनके गुरु अपने शरीर में वापस लौटकर आएंगे।