scriptमंदिर निर्माण को लेकर तीनों ट्रस्टों का अपना-अपना दावा, महंत कर रहे ऐसी-ऐसी बयानबाजी | Three trusts claim for constructing Ayodhya Ram temple | Patrika News
लखनऊ

मंदिर निर्माण को लेकर तीनों ट्रस्टों का अपना-अपना दावा, महंत कर रहे ऐसी-ऐसी बयानबाजी

अयोध्या में रामलला विराजमान का मंदिर कौन बनाएगा, इसको लेकर अयोध्या के तीन ट्रस्ट आपस में भिड़ गये हैं…

लखनऊNov 13, 2019 / 07:43 pm

Hariom Dwivedi

Ayodhya Ram temple

श्रीराम जन्मभूमि न्यास, रामालय ट्रस्ट और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर न्यास की दावेदारी के बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार चौथा ट्रस्ट बनाने की तैयारी में जुटी है

अयोध्या. अयोध्या में रामलला विराजमान का मंदिर कौन बनाएगा, इसको लेकर अयोध्या के तीन ट्रस्ट आपस में भिड़ गये हैं। मंदिर निर्माण से जुड़े इन तीनों ट्रस्टों ने अपनी-अपनी दावेदारी जताई है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास , रामालय ट्रस्ट और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर न्यास की दावेदारी के बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार चौथा ट्रस्ट बनाने की तैयारी में जुटी है। इस सरकारी ट्रस्ट का अध्यक्ष और सदस्य कौन बनेगा, इसको लेकर भी खींचतान और बयानबाजी शुरू हो चुकी है। अयोध्या के कई संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सरकारी ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाये जाने की मांग की है। लेकिन, अभी गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय ट्रस्ट के प्रारूप को लेकर कोई मंथन शुरू नहीं किया है।
सबसे पुराना 1985 में बना ट्रस्ट विश्व हिंदू परिषद का श्रीराम जन्मभूमि न्यास है। दूसरा विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव राव की पहल पर बना रामालय है। तीसरा ट्रस्ट जानकीघाट बड़ा स्थान के महंत जनमेजय शरण की अगुवाई में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास भी इन्हीं दोनों ट्रस्टों से इतर दावेदारी करता है। राम मंदिर निर्माण के लिए प्रस्तावित नया और चौथा ट्रस्ट गृह मंत्रालय के अधीन होगा। ट्रस्ट पूरी तरह से केंद्र सरकार का होगा। केंद्र सरकार ट्रस्टी नियुक्त कर राममंदिर निर्माण के बाद उसे स्वायत्त बना सकती है। ट्रस्ट में वैसे तो सरकारी अफसर होंगे, लेकिन सरकार धर्मगुरुओं को सलाहकार के तौर पर ट्रस्ट में शामिल कर सकती है।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास
1985 में बने विहिप की अगुवाई वाले श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष मणिरामदास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास हैं। इस ट्रस्ट की राम मंदिर निर्माण के लिए यहां 1990 में खोली गई पत्थर तराशी और मूर्ति निर्माण की तीन कार्यशाला में चलती हैं। ट्रस्ट की अरबों की जमीन है। राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के खाते में शिलादान अभियान से मिली करीब आठ करोड़ की नकदी है। मंदिर निर्माण के फैसले के बाद अयोध्या से लेकर दिल्ली तक विहिप नेता इसी ट्रस्ट के माध्यम से मंदिर बनाने का दावा कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें

राम का धाम, रोजगार का ध्यान



रामालय ट्रस्ट
6 दिसंबर 1992 को ढांचा ढहाए जाने के बाद 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के प्रयास से द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती समेत 25 धर्माचार्यों ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राममंदिर बनाने के लिए रामालय ट्रस्ट का गठन किया था। तब इसके संयोजक जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य थे। श्रृंगेरीपीठ के धर्माचार्य स्वामी भारती भी ट्रस्ट में शामिल थे। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रामालय ट्रस्ट के सचिव स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मंदिर बनाने का लीगल अधिकार होने का दावा कर रहे हैं। साथ ही विश्व हिंदू परिषद के ट्रस्ट को अधिग्रहण के पहले का बना होने की वजह से अवैधानिक ठहराते हैं। वह यह भी करते हैं कि महंत जनमेजय शरण हमारी कार्यकारिणी में हैं।
श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास
तीसरा ट्रस्ट श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास ट्रस्ट है। इसके अध्यक्ष जानकीघाट बड़ा स्थान के महंत जनमेजय शरण हैं। मणिरामदास की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सदस्य हैं। महंत का ने दावा करते हुए कहा कि पीएम मोदी कोई नया ट्रस्ट नहीं बनाने जा रहे हैं। मंदिर का निर्माण हमारा ट्रस्ट करेगा। अन्य जो ट्रस्ट दावा कर रहे हैं, उनकी कोई अहमियत नहीं है।

Hindi News / Lucknow / मंदिर निर्माण को लेकर तीनों ट्रस्टों का अपना-अपना दावा, महंत कर रहे ऐसी-ऐसी बयानबाजी

ट्रेंडिंग वीडियो

loader
Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.