खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में बदलाव सरकार ने अपनी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 में बदलाव किया है। अब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश लाकर कुछ समय में तीन लाख लोगों को रोजगार देने की योजना बनाई गई है। इसके लिए बुलंदशहर, बरेली, अलीगढ़, कानपुर देहात, जौनपुर और मथुरा में दूध से बने उत्पाद, औरैया और कासगंज में घी, वाराणसी और देवरिया में हरी मिर्च, अमरोहा, लखनऊ व सीतापुर में आम, बस्ती, कुशीनगर में केले के चिप्स, गोरखपुर व सिद्धार्थनगर में काला नमक चावल और पूर्वांचल में आलू व अन्य फसलों से जुड़ी इकाइयां लगाई जा रही हैं।
मंडी शुल्क में छूट सरकार कृषि प्रसंस्करण इकाइयों में मंडी शुल्क में छूट दे रही है। इसके लिए नए नियम बनाए गए हैं। सरकार ने तय किया है कि प्रदेश की बड़ी मंडियों की खाली पड़ी जमीन पर कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की तैयारी कर रही है। मंडी क्षेत्र में स्थापित होने वाली पांच करोड़ या इससे अधिक लागत वाली इकाइयों को पांच वर्ष के लिए मंडी शुल्क से छूट दी जा रही है।