हमास हो रही युद्ध के बीच इजराइल में काम करने के लिए उत्तर प्रदेश के हजारों युवा ने आवेदन किया है। इन युवाओं का काम होगा कि जो युद्ध के दौरान बिल्डिंगों का नुकसान हुआ है, उनको दोबारा से तैयार करना है।इसके लिए लोग लखनऊ के भर्ती केंद्र में कतार लगाकर खड़े हैं। कुछ अपने बच्चों के लिए जाने को तैयार हैं, जबकि कुछ लोग इसलिए अपनी जान जोखिम में डालने को तैयार हैं क्योंकि वे बेरोजगार हैं।
कम से कम इजराइल में पैसा तो है: अभ्यर्थी
इंटरव्यू और प्रशिक्षण के लिए लाइन में खड़े श्रमिकों ने ‘The Free Press journal’ को बताया, “खतरा तो यहां भी है”। लखनऊ से 140 किमी दूर बहराईच से आए एक अभ्यर्थी अखिलेश कन्नौजिया ने कहा, “कम से कम वहां पैसा तो है। प्रत्येक कर्मचारी को प्रति माह ₹1.36 लाख और अन्य लाभ मिलेंगे।
इंटरव्यू और प्रशिक्षण के लिए लाइन में खड़े श्रमिकों ने ‘The Free Press journal’ को बताया, “खतरा तो यहां भी है”। लखनऊ से 140 किमी दूर बहराईच से आए एक अभ्यर्थी अखिलेश कन्नौजिया ने कहा, “कम से कम वहां पैसा तो है। प्रत्येक कर्मचारी को प्रति माह ₹1.36 लाख और अन्य लाभ मिलेंगे।
16,000 कुशल श्रमिकों को यूपी भेजेगा इजराइल
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश से निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजने के लिए अनुरोध किया था। इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण होने वाली कमी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश अगले महीने 16,000 से अधिक कुशल श्रमिकों को इजराइल भेजने के लिए तैयार है।
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश से निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजने के लिए अनुरोध किया था। इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण होने वाली कमी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश अगले महीने 16,000 से अधिक कुशल श्रमिकों को इजराइल भेजने के लिए तैयार है।
राज्य के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पहले चरण में राज्य से 10,000 कुशल कार्यबल भेजे जाएंगे, हालांकि अब तक 16,000 श्रमिकों की सूची को अंतिम रूप दिया गया है। राजभर ने कहा, “भारत सरकार ने लखनऊ में एक केंद्र खोला है जहां कारीगरों की स्क्रीनिंग और भर्ती चल रही है।” इज़राइल को जनशक्ति की आवश्यकताएं प्रदान करने के केंद्र के आह्वान का जवाब दिया और कौशल परीक्षण आयोजित किए जा रहे हैं।