ऋण नीति का हुआ उल्लंघन
सहकारी बैंक से अपने भाई के नाम 10 लाख का लोन स्वीकृत कराने वाले जीएम खुद जमानती भी बन गए। जांच समिति ने इसे ऋण नीति का उल्लंघन करार दिया। ऋण नीति के अनुसार कोई भी अधिकारी अपने परिजनों का ऋण स्वयं स्वीकृत नहीं कर सकता। इसके लिए उच्चाधिकारी का अनुमोदन जरूरी है। मामला सामने आते ही सहकारी बैंक के एमडी नीरज बेलवाल ने जीएम के निलंबन के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर जीएम दीपक कुमार ने बताया कि उन्हें 20 लाख तक ऋण स्वीकृत करने का अधिकार है। ये भी पढ़ें:- बड़े फिल्म स्टार की करोड़ों की जमीन होगी जब्त! सीएम के आदेश पर रिपोर्ट तैयार