ताजमहल के नीचे हजार से ज्यादा कमरे शोधकर्ताओं का दावा है कि ताजमहल जितना ऊपर है उतना नीचे भी है। कुतुबमीनार भले ही ऊंची स्मारक हो लेकिन ताजमहल कुतुबमीनार से भी ऊंचा है। बताया जाता है कि ताजमहल कुओं के ऊपर है। जनश्रुति है शाहजहां ने ताजमहल के नीचे से एक रास्ता भी बनवाया था ताकि अंदर ही अंदर बाहर निकला जा सके। हालांकि ये रास्ता तभी से बंद है। लेकिन ताजमहल के नीचे कमरे अभी मौजूद हैं। इनमें खजाना बंद होने की संभावनाएं भी व्यक्त की जाती हैं।
यह भी पढ़े – देशभर में 31 मई को बंद रहेंगी सभी ट्रेने, जानिए क्या है बड़ी वजह कहां से शुरू हुआ देवी देवताओं का मुद्दा इतिहासकार डॉ अशोक वर्मा के अनुसार जब शाहजहां ने कारीगरों के हाथ काटने की घोषणा की तब कारीगरों ने एक छेद खुला छोड़ दिया। मुख्य कारीगर उस्ताद अहमद लाहोरी और दिल्ली निवासी एक व्यक्ति को एक कमरे में हिंदू देवी देवताओं की कुछ प्रतिमाएं दिखी। इसके बाद पहले से चल रही चर्चाएं तेज हो गई। लेकिन पुरातत्व विभाग देश के ऐतिहासिक स्मारकों से छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं देता है। इस वजह से आजतक इस बारे मे खुलासा नहीं हो सका।
क्या बतातें हैं मैटल डिटेक्टर शोधकर्ताओं का कहना है ताज महल के नीचे बने कमरे और जो 22 कमरे बंद हैं, इनमें मैटल डिटेक्टर से चेकिंग हुई तो कुछ वस्तुएं होने के संकेत मिले। मैटल डिटेक्टर के संकेतों से अंदाजा है कि कमरों में आभूषण या धातुओं की बनी प्रतिमाएं हो सकती हैं।
यह भी पढ़े – राज ठाकरे का अयोध्या दौरा रद्द, क्या है बड़ी वजह, सांसद बृजभूषण ने कह दी थी ये बड़ी बात क्या है काला ताजमहल शाहजहां ने अपनी तीसरी पत्नी मुमताज की याद में सफेद ताज महल बनवाया था। ताजमहल बनवाने के बाद शाहजहां अपने लिए काला ताज महल बनवा रहा था। लेकिन इसी दौरान शाहजहां को खुद के बेटे ने ही कैद कर लिया, जिससे काला ताजमहल का सपना अधूरा रह गया। ये काला ताजमहल अभी भी अधूरा है। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि इस महल में भी कमरें हैं। लेकिन इन कमरों में क्या है ये राज इसी में दफ्न है।
भूत और जिन्न की क्या है कहानी इतिहासों के पन्ने पलटें जाए तो ये भी कहानियां है कि ताजमहल को बनाने में भूत और जिन्न बहुत परेशान कर रहे थे। ऐसे में शाहजहां ने हिमायूं से मदद मांगी तो हिमायूं ने अरब में बुखारासर के एक पीर के बुलाने की राय दी। पीर हजरत अहमद बुखारी के आने बाद ताजमहल बनना शुरू हुआ।