दरअसल, कुछ दिन पहले रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक और सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर कहा था कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। इसीलिए वो बार-बार विवादित बयान दे रहे हैं। साथ ही पार्टी की नसीहत के बावजूद भी वो मान नहीं रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य विक्षिप्त हो चुके हैं। मनोज पांडेय ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर उठाए गए सवालों पर स्वामी प्रसाद मौर्य को ऐसा कहा था। इसपर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब पलटवार किया है।
रविवार को बाजार शुकुल में आयोजित संविधान संगोष्ठी एवं सामाजिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को धर्म के ठेकेदारों ने गरीब और लाचार बना दिया है। विफलता छिपाने के लिए धर्म और राम के नाम का ढिंढोरा पीट रहे हैं। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में सवाल पूछा गया कि आपकी पार्टी के ही मनोज आप पर मानसिक रूप से विक्षिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं। इसपर स्वामी प्रसाद ने कहा कि इसका बेहतर उत्तर वही दे सकते हैं, जिन्होंने इस तरह का आरोप लगाया है।
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स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अयोध्या में हजारों वर्षों से राम पूजे जा रहे हैं। भाजपा उनकी मार्केटिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि आज युवा बेरोजगार हैं, लेकिन उनकी नौकरी पर सवाल नहीं होता।सरकार पर ईडी के माध्यम से विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। कहा कि लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र को निगलने की तैयारी है। उन्होंने आगे कहा कि इस देश के दलित, आदिवासियों, पिछड़ों पर जो जुल्म व अत्याचार करना अधिकार मानते हैं, जो हमें जानवर से बदतर जीवन जीने की परिस्थितियां पैदा करते हैं, वह हमारी तारीफ कैसे कर सकते हैं। असल में मनोज सपा में भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
रामचरितमानस की चौपाई का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा। कहा कि “ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी” के आधार पर अगर आप लोग नहीं चेते तो आपकी ताड़ना चलती रहेगी। कहा कि आज भी इस लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रपति को मंदिरों में जाने से मना कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, उन्होंने मीडिया पर गोदी मीडिया होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज युवा बेरोजगार है उनकी नौकरी पर सवाल नहीं होता है।
उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज भाजपा सरकार पुश्तैनी कार्यों को लेकर छलावा के रूप में जनकल्याणकारी योजना बढ़कर फिर से उन्हें पुराने कार्यों में लगाकर मजलूम करने पर तुली है। भाजपा सरकार 80 करोड़ लोगों को मजलूम और गरीब बताकर 5-10 किलो राशन दे रही है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान बेचने वालों को लोकसभा चुनाव में वोट की ताकत से भगाने लिए आगे आएं।