यह भी पढ़े – नोएडा में बारिश से मौसम सुहाना, प्रदूषण लेवल हुआ कम, अगले 24 घंटे जारी रहेगा बूंदाबांदी का सिलसिला मदरसों में फंडिंग की स्पष्ट जानकारी नहीं इसी कड़ी में सर्वे टीम जब कानपुर में स्थित मदरसों के सर्वे करने पहुंची तो यहां जांच टीम को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। ऐसा ही मामला पश्चिमी यूपी के सहारनपुर जिले में देखने को मिला। यहां मदरसों में फंडिंग की स्पष्ट जानकारी नहीं देने के बाद नौ मदरसों के फंड पर रोक लगा दी गई है। उधर, प्रयागराज में पिछले 10 दिनों में 70 मदरसों में सर्वे हुआ जिनमें 25 ऐसे मिले जो बिना मान्यता के चलाए जा रहे हैं। जब टीम ने इन मदरसों में पहुंची तो बताया गया कि यहां बच्चों को दीनी तालीम दी जा रही है। जबकि फंडिंग के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। वहीं पीलीभीत में संचालित 220 में से 8 मदरसों की मान्यता से जुड़ी जांच वाराणसी ट्रस्ट से चल रही थी। जिनमें से 6 मदरसों को क्लीन चिट मिल चुकी है।
यह भी पढ़े – इटावाः बारिश के कारण दीवार गिरने से 7 की मौत, CM योगी ने किया मुआवजे का ऐलान प्रदेश के मदरसों में 11 बिंदुओं पर सर्वे बता दें कि सीएम योगी के आदेश के बाद प्रदेश के मदरसों में 11 बिंदुओं पर सर्वे किया जा रहा है। ये बिंदु मदरसा कितना पुराना है, किस संस्था से संचालित है, अपना भवन है या किरए का, पाठ्यक्रम क्या है, आधुनिक सुविधाओं की स्थिति, मदरसे से कौन.कौन लोग जुड़े हैं, वित्तीय प्रबंधन कैसे हो रहा है आदि हैं। वहीं सर्वे के दौरान ज्यादातर लोग स्थानीय स्तर पर फंड मिलने की बात कह रहे हैं। फंड कहां से और कितना मिला, इसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं। गौरतलब है कि सर्वे 5 अक्टूबर तक चलेगा जबकि 15 अक्टूबर तक एडीएम डीएम को रिपोर्ट भेजेंगे। जिसके बाद डीएम शासन को 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंपेगे।