जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आप कैदियों की रिहाई के आदेश पारित होने के बावूजद भी इतना वक्त कैसे ले सकते हैं। राज्य सरकार का ऐसा रवैया कैदियों के अधिकारों के खिलाफ है।
14 अगस्त तक कोर्ट में पेश करना होगा हलफनामा
कोर्ट ने सरकार की ओर से वकील राकेश कुमार को जिम्मेदार लोगों के नाम पेश करने को कहा है। कोर्ट का कहना है कि अवमानना पर किसी भी फैसले से पहले हम निर्देश देते हैं कि 14 अगस्त तक मुख्यमंत्री कार्यालय में काम कर रहे अधिकारियों के नाम हलफनामे के साथ पेश किया जाए। हालांकि 20 अगस्त को मामले को लिस्टेड कर दिया गया। यूपी कांग्रेस ने योगी सरकार पर तंज कसा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा,’ सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई हुई। माननीय न्यायालय का कहना है कि ‘सत्ताभोगी बाबा का दफ्तर सुप्रीम कोर्ट का कहना नहीं मानता। क्या बाबा के ऑफिस के लोग खुद को सुप्रीम कोर्ट के ऊपर मानते हैं? सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी करके CM ऑफिस क्या जाताना चाहता है। क्या इनलोगों को लोकतान्त्रिक ढांचे में तनिक यकीन नहीं है।