लखनऊ

Suicide: विधानसभा के सामने आत्मदाह का प्रयास: पुलिस की सतर्कता ने बचाई परिवार की जान

Suicide: लखनऊ के हजरतगंज स्थित विधानसभा गेट नंबर 4 के सामने एक परिवार ने आत्मदाह का प्रयास कर सनसनी फैला दी। स्थानीय दबंग और पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर राजकमल, उनकी पत्नी और तीन छोटे बच्चों ने पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की। पुलिस की सतर्कता से परिवार की जान बचाई जा सकी।

लखनऊJan 10, 2025 / 03:26 pm

Ritesh Singh

दबंगों और पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर उठाया कदम

Suicide: लखनऊ में हजरतगंज विधानसभा गेट नंबर 4 के सामने एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब निगोहा थाना क्षेत्र के करौन्दी गांव निवासी एक परिवार ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। 34 वर्षीय राजकमल, उनकी पत्नी 27 वर्षीय नीतू, और उनके तीन छोटे बच्चे विधानसभा के सामने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगाने पहुंचे।
पुलिस ने बचाई जान
ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की सतर्कता ने एक बड़ा हादसा टाल दिया। जैसे ही परिवार ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की, पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर उन्हें रोक लिया। पुलिस ने पूरे परिवार को सुरक्षित बचाकर स्थिति को नियंत्रण में लिया।
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झूठे मुकदमे और धमकियों का आरोप
राजकमल ने आरोप लगाया कि उन्हें एक दबंग व्यक्ति, शहंशाह, द्वारा झूठे मुकदमों में फंसाया गया था। जेल से रिहा होने के बाद भी शहंशाह लगातार उन्हें धमकियां दे रहा है। परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस भी उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और उल्टा उन्हें परेशान कर रही है।
पुलिस की प्रताड़ना का दावा
राजकमल और नीतू का दावा है कि पुलिस अक्सर उनके घर आकर उन्हें डराती-धमकाती है। स्थानीय दबंगों की धमकियों और पुलिस के कथित उत्पीड़न से तंग आकर ही उन्होंने आत्मदाह जैसा कदम उठाने का फैसला किया।
परिवार की मांग: न्याय और सुरक्षा
घटना के बाद पुलिस ने परिवार से बातचीत शुरू कर दी है। पीड़ित परिवार ने न्याय और सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाती और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे वापस नहीं लिए जाते, तब तक वे चैन से नहीं रह सकते।
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बचाव की सराहना
पुलिसकर्मियों की तत्परता से इस भयावह घटना को टाल दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

घटना का असर
यह घटना समाज और प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि एक परिवार को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा। दबंगों और पुलिस की भूमिका की जांच करना और पीड़ितों को न्याय दिलाना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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