गन्ने का रस आमतौर पर लोग ठेले पर पीते हैं। ठेले पर पीने में कोई बुराई नहीं, बशर्तें साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए जो कि अमूमन होता नहीं है। पहले से छिले गन्ने रखे जाते हैं, इनपर मक्खियां बैठती हैं और इसे पीने से कई तरह के बैक्टीरिया पेट के भीतर पहुंच जाते हैं। गर्मी में बर्फ मिला गन्ना रस पेट को तरावट देता है लेकिन इसे पीकर पेट में कोई न कोई दिक्कत होनी तय है। बर्फ अक्सर जिस पानी से जमाई जाती है, वो साफ नहीं होता है. ऐसे में बीमारी लाजिमी है।
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याद रहे गन्ने का रस शक्कर का ही पहला रूप है। जिस प्रकार शक्कर से मोटापा बढ़ता है उसी प्रकार इसमें मौजूद कैलोरी वजन बढ़ा सकती है। गन्ने का रस पीने से वजन बढ़ सकता है। इसलिए उचित मात्रा में ही इसका उपयोग करना चाहिए। इसमें शुगर की अधिक मात्रा होने के कारण डायबिटीज वाले लोगों को सावधानी पूर्वक चिकत्सक से परामर्श के बाद ही इसका उपयोग करना चाहिए।
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बहुत देर पहले पहले निकला हुआ गन्ने का रस ख़राब हो जाता है। इसमें नुकसानदेह टॉक्सिन पैदा हो जाते हैं अतः उसे नहीं पीना चाहिए। गन्ने के रस में पाए जाने वाले तत्व अल्कोहल जैसा असर पैदा करते हैं। इसलिए अगर आपका काम आपसे अलर्टनेस मांगता है, या जिसमें शरीर और दिमाग का संतुलन जरूरी हो तो गन्ने के रस का ज्यादा मात्रा में सेवन टालें। ज्यादा मात्रा में इसे पीना सिरदर्द, सिर घूमना जैसी परेशानियां देता है।
जिन लोगों को दांतों में दर्द की समस्या हो या फिर दांतों में कैविटी हो, उन लोगों को गन्ने के रस का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे उनकी समस्या बढ़ सकती है।
अगर आपको कफ की समस्या है या फिर खांसी और बलगम बना हुआ है, तब भी गन्ने का रस आपके लिए नुकसानदायक साबित होगा। इससे बचना ही बेहतर है। अगर आपकी तासीर गर्म है या आपके पेट में कीड़े हैं, तब भी गन्ने के रस का सेवन आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।