भाजपा ने कांग्रेस से NDA में शामिल हुए आर पी एन सिंह को राज्यसभा को उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी(Sudhanshu Trivedi) को भी दोबारा यूपी कोटे से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, साधना सिंह, डॉक्टर संगीता बलवंत, अमरपाल मौर्य, नवीन जैन, चौधरी तेजवीर सिंह को भी भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है।
कौन हैं सुधांशु त्रिवेदी?
सुधांशु त्रिवेदी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। इनकी पहचान विचारक, विश्लेषक और राजनीतिक सलाहकार के तौर पर भी होती है। ये देश की राष्ट्रीय नीति, राजनीतिक, सामाजिक मुद्दों और विशेष रूप से भाजपा के वैचारिक पहलुओं पर बेबाकी से राय रखते हैं। इस बार उन्हें भाजपा की तरफ से राज्यसभा कैंडिडेट बनाया गया है। साल 2014 के आम चुनाव में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी का जन्म लखनऊ में हुआ था। उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग से PHD किया। इसके साथ ही, वे राजनीति में छोटी उम्र में आने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वो सबसे कम उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार बने थे। इतना ही नहीं, 35 वर्ष की उम्र में किसी राष्ट्रीय राजनैतिक दल के अध्यक्ष का राजनैतिक सलाहकार भी बनाया गया था। इन सब पॉइंटर्स को देखते हुए और भाजपा के बड़े नेताओं के करीबी होने की वजह से यह कयास लगाया जा रहा है कि इन्हें मोदी कैबिनेट में बड़ा पद दिया जा सकता है।
क्या शिक्षा मंत्री बनेंगे सुधांशु त्रिवेदी?
साल 2014 के आम चुनाव में सुधांशु त्रिवेदी की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। इस चुनाव के दौरान वे मीडिया और कम्युनिकेशन की मुख्य टीम का हिस्सा थे। टीम में रहते हुए उन्होंने सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और अमित शाह के लिए प्रचार किया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें राजस्थान का उत्तरदायित्व दिया गया था। NEP के समय भी डॉ सुधांशु त्रिवेदी की काफी अहम भूमिका रही। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि इन्हें मोदी कैबिनेट में शिक्षा मंत्री का पद मिल सकता है।
राजयसभा की मौजूदा स्थिति क्या है?
उत्तर प्रदेश कोटे की जिन 10 सीटों पर राज्यसभा का चुनाव होगा, उसमें से फिलहाल 9 BJP के पास हैं और 1 समाजवादी पार्टी के पास है। जहां बीजेपी से अशोक वाजपेयी, अनिल जैन, अनिल अग्रवाल, कांता कर्दम, सकलदीप राजभर, जीवीएल नरसिम्हा राव, सुधांश त्रिवेदी, हरनाथ सिंह यादव और विजय पाल तोमर का कार्यकाल खत्म होगा तो वहीं सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन का कार्यकाल भी अप्रैल में खत्म होगा।
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