कभी सुंदर भाटी के साथ शुरू किया था काम
अनिल दुजाना ने गाजियाबाद के कविनगर इलाके में 2002 में पहला कत्ल किया था। इस दुस्साहसिक घटना से पहले वह 2000 से ही सुंदर भाटी के लिए काम करने लगा था। सुंदर भाटी से अदावत के बाद अनिल दुजाना ने रणदीप भाटी का गिरोह ज्वाइन कर लिया और दुजाना, रणदीप का खास बन गया। नोएडा और गाजियाबाद में वसूली के लिए अनिल दुजाना को जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद अनिल दुजाना ने हत्या की सुपारी उठानी शुरू कर दी।
अनिल दुजाना ने गाजियाबाद के कविनगर इलाके में 2002 में पहला कत्ल किया था। इस दुस्साहसिक घटना से पहले वह 2000 से ही सुंदर भाटी के लिए काम करने लगा था। सुंदर भाटी से अदावत के बाद अनिल दुजाना ने रणदीप भाटी का गिरोह ज्वाइन कर लिया और दुजाना, रणदीप का खास बन गया। नोएडा और गाजियाबाद में वसूली के लिए अनिल दुजाना को जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद अनिल दुजाना ने हत्या की सुपारी उठानी शुरू कर दी।
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18 हत्याएं, 10 कातिलाना हमले समेत 65 मुकदमे दर्जअनिल दुजाना की ताकत जैसे-जैसे बढ़ी, उसने वसूली और विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का काम तेज कर दिया। चौथ वसूली से लेकर अपहरण का धंधा बढ़ा दिया। अनिल दुजाना की क्राइम हिस्ट्री पर नजर डालें तो उसने हत्या की 18 घटनाओं को अंजाम दिया। कातिलाना हमले के 10 मुकदमे भी उस पर दर्ज हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर पुलिस ने दुजाना के खिलाफ एक बार रासुका की कार्रवाई भी की थी। नौ बार आरोपी पर गैंगस्टर लगी थी। कुल मिलाकर आरोपी पर 65 मुकदमे दर्ज थे।
परमवीर तुगाना को डबल मर्डर में किया सहयोग
परमवीर तुगाना ने साथियों के साथ मिलकर अगस्त 2014 में बागपत में डबल मर्डर को अंजाम दिया था। इसके बाद विक्की सुन्हैडा और अनिल दुजाना ने परमवीर की मदद शुरू कर दी। विक्की और अनिल ने इस मामले में समझौते के लिए दबाव बनाना और धमकी देना शुरू कर दिया।
परमवीर तुगाना ने साथियों के साथ मिलकर अगस्त 2014 में बागपत में डबल मर्डर को अंजाम दिया था। इसके बाद विक्की सुन्हैडा और अनिल दुजाना ने परमवीर की मदद शुरू कर दी। विक्की और अनिल ने इस मामले में समझौते के लिए दबाव बनाना और धमकी देना शुरू कर दिया।
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जेल में मुन्ना बजरंगी से मिलाया हाथगैंगस्टर अनिल दुजाना का गिरोह सुपारी लेकर हत्या करना, वसूली, रंगदारी, अपहरण और तमाम अपराध कर रहा था। अनिल दुजाना को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बुलंदशहर जेल में बंद रहने के दौरान अनिल दुजाना का संपर्क उमेश पंडित, बागपत के कुख्यात विक्की सुन्हैड़ा, अजीत हप्पू और परमवीर तुगाना से हुआ।
अनिल दुजाना जेल से ही गिरोह संचालित कर रहा था, इसलिए स्थानीय पुलिस-प्रशासन की रिपोर्ट पर शासन ने दुजाना को बाद में पूर्वांचल की जेल में ट्रांसफर किया। इसी दौरान विक्रांत उर्फ विक्की ने पूर्वांचल की जेल में अनिल दुजाना और उमेश पंडित का संपर्क मुन्ना बजरंगी से कराया।
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रेलवे की ठेकेदारी से मिलने लगी बड़ी रकम, मजबूत किया नेटवर्कमुलाकात के बाद मुन्ना बजरंगी और अनिल दुजाना ने हाथ मिला लिया। साथ में परमवीर, विक्की सुन्हैड़ा और संजीव जीवा का गिरोह भी आ गए। इन सभी गैंग ने एक साथ काम शुरू किया तो नेटवर्क काफी मजबूत हो गया। अनिल दुजाना ने मुन्ना बजरंगी के सहारे रेलवे की ठेकेदारी में हाथ आजमाना शुरू कर दिया। इसमें मुन्ना बजरंगी के करीबी संजय राव निवासी ग्रेटर नोएडा और मोनू सरदार निवासी गीता कॉलोनी ने मदद की। गिरोह को रेलवे की ठेकेदारी से बड़ी रकम हासिल होने लगी।
शामली के कुख्यात गैंगस्टर मुकीम काला को दी थी एके-47
यूपी एसटीएफ ने शामली के कुख्यात गैंगस्टर मुकीम काला की अक्टूबर 2015 में गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर उसके घर से एके-47 बरामद की थी। पूछताछ में उसने बताया था कि उसे यह एके 47 अनिल दुजाना ने दी थी। दुजाना के जेल में बंद होने के चलते एसटीएफ उससे इस एके 47 के बारे में कड़ाई से पूछताछ नहीं कर पाई। इसके चलते यह पता नहीं चल पाया कि उसके पास यह हथियार कहां से आया था। मुकीम काला की चित्रकूट जेल में मई 2021 में हत्या कर दी गई थी।
यूपी एसटीएफ ने शामली के कुख्यात गैंगस्टर मुकीम काला की अक्टूबर 2015 में गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर उसके घर से एके-47 बरामद की थी। पूछताछ में उसने बताया था कि उसे यह एके 47 अनिल दुजाना ने दी थी। दुजाना के जेल में बंद होने के चलते एसटीएफ उससे इस एके 47 के बारे में कड़ाई से पूछताछ नहीं कर पाई। इसके चलते यह पता नहीं चल पाया कि उसके पास यह हथियार कहां से आया था। मुकीम काला की चित्रकूट जेल में मई 2021 में हत्या कर दी गई थी।
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मुखबिरी के शक में रणदीप भाटी से भी हो गई थी दुश्मनीजिला पंचायत अध्यक्ष रहे कुख्यात गैंगस्टर नरेश भाटी की विरोधी सुंदर भाटी गैंग द्वारा हत्या कर दिए जाने के बाद गैंग की कमान रणदीप भाटी ने संभाल ली। वह भांजे अमित कसाना के साथ मिलकर गैंग चलाने लगा। इस काम में अनिल दुजाना को भी साथ में ले लिया। हालांकि 2015 में मुकीम काला की गिरफ्तारी के बाद अनिल दुजाना को शक हुआ कि रणदीप भाटी ने इसकी मुखबिरी की है। इसके बाद से उसकी रणदीप भाटी से दूरियां बढ़नी शुरू हो गईं। रंजिश इतनी बढ़ गई कि रणदीप ने इसका बदला लेने का मनसूबा पाला रखा था।
योगेश डाबरा ने अपनी बुआ के गांव से कराई थी शादी
ग्रेटर नोएडा में डाबरा गांव का रहने वाला योगेश भी पहले रणदीप भाटी के लिए ही काम करता था। हालांकि फैक्टरी में ठेका लेने पर उसका रणदीप के भाई कुलबीर भाटी से झगड़ा हो गया। इसके बाद योगेश ने अनिल दुजाना के साथ काम करना शुरू कर दिया। योगेश की बुआ बागपत के गिटोरा गांव की है। उसने बुआ की गांव में ही रिश्तेदारी में पूजा से अनिल दुजाना की शादी की बात चलाई।
ग्रेटर नोएडा में डाबरा गांव का रहने वाला योगेश भी पहले रणदीप भाटी के लिए ही काम करता था। हालांकि फैक्टरी में ठेका लेने पर उसका रणदीप के भाई कुलबीर भाटी से झगड़ा हो गया। इसके बाद योगेश ने अनिल दुजाना के साथ काम करना शुरू कर दिया। योगेश की बुआ बागपत के गिटोरा गांव की है। उसने बुआ की गांव में ही रिश्तेदारी में पूजा से अनिल दुजाना की शादी की बात चलाई।
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पूजा के पिता लीलू की गांव के ही राजू पहलवान से जमीन के विवाद में रंजिश थी। राजू पहलवान ने अपनी दो बेटियों की शादी गैंगस्टर हरेंद्र खड़खड़ी से की थी। इसके चलते लीलू अपनी बेटी की शादी हरेंद्र से बड़े गैंगस्टर से करना चाहता था। योगेश डाबरा के प्रस्ताव पर लीलू तैयार हो गया। सूरजपूर के जिला कोर्ट में पूजा और अनिल दुजाना की फरवरी 2019 में सगाई हुई थी। फरवरी 2021 में जमानत पर बाहर आने पर दोनों ने शादी कर ली थी। जयपुर में रह रही है पत्नी
जनवरी 2022 में दिल्ली के चिल्ला गांव में गिरफ्तारी के बाद दुजाना तिहाड़ जेल चला गया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी से पहले ही उसने पूजा को जयपुर शिफ्ट कर दिया था। 10 अप्रैल को जमानत पर छूटने के बाद वह पूजा और छह महीने की बेटी के पास जयपुर चला गया था।
जनवरी 2022 में दिल्ली के चिल्ला गांव में गिरफ्तारी के बाद दुजाना तिहाड़ जेल चला गया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी से पहले ही उसने पूजा को जयपुर शिफ्ट कर दिया था। 10 अप्रैल को जमानत पर छूटने के बाद वह पूजा और छह महीने की बेटी के पास जयपुर चला गया था।
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