समाजवादी पार्टी
रामपुर, संभल, आंवला, भदोही, मिश्रिख, हरदोई, कैसरगंज, बहराइच, गोंडा, बांसगांव, गोरखपुर, महाराजगंज, बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, चंदौली, मिर्जापुर, श्रावास्ती, इटावा, कन्नौज, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, बदायूं, कौशाम्बी, देवरिया, झांसी, नगीना, फूलपुर, बस्ती।
बिजनौर, संतकबीर नगर, गौतमबुद्ध नगर, अमरोहा, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, मोहनलाल गंज, डुमरियागंज, सलेमपुर, मछली शहर, आगरा, घोषी, लालगंज, गाजीपुर, रॉबर्ट्सगंज, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, गाजियाबाद, हाथरस, अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, फैजाबाद, बांदा, अंबेडकरनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत, शाहजहांपुर।
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बहुजन समाज पार्टीबिजनौर, संतकबीर नगर, गौतमबुद्ध नगर, अमरोहा, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, मोहनलाल गंज, डुमरियागंज, सलेमपुर, मछली शहर, आगरा, घोषी, लालगंज, गाजीपुर, रॉबर्ट्सगंज, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, गाजियाबाद, हाथरस, अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, फैजाबाद, बांदा, अंबेडकरनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत, शाहजहांपुर।
कांग्रेस
सहारनपुर, कुशीनगर, बाराबंकी, सुलतानपुर, लखनऊ, फर्रूखाबाद, धौरहरा, इलाहाबाद, वाराणसी, फतेहपुर-सीकरी, कानपुर, रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़, उन्नाव, बरेली, मुरादाबाद। रालोद
कैराना, बागपत और मथुरा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अलावा खुद भारतीय जनता पार्टी विपक्षी महागठबंधन को लोकसभा चुनाव में अपने लिये बड़ी चुनौती मान रही है। इससे निपटने के लिये बीजेपी बाकायदा रणनीति बना चुकी है और जनता के बीच पहुंच रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर यूपी में सपा-बसपा, कांग्रेस और रालोद पार्टी का महागठबंधन हुआ तो निश्चित ही 2019 में होने वाले आम चुनाव में बीजेपी के लिये मुश्किलें बढ़ेंगी।
सहारनपुर, कुशीनगर, बाराबंकी, सुलतानपुर, लखनऊ, फर्रूखाबाद, धौरहरा, इलाहाबाद, वाराणसी, फतेहपुर-सीकरी, कानपुर, रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़, उन्नाव, बरेली, मुरादाबाद। रालोद
कैराना, बागपत और मथुरा।
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महागठबंधन से बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किलें!राजनीतिक विश्लेषकों के अलावा खुद भारतीय जनता पार्टी विपक्षी महागठबंधन को लोकसभा चुनाव में अपने लिये बड़ी चुनौती मान रही है। इससे निपटने के लिये बीजेपी बाकायदा रणनीति बना चुकी है और जनता के बीच पहुंच रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर यूपी में सपा-बसपा, कांग्रेस और रालोद पार्टी का महागठबंधन हुआ तो निश्चित ही 2019 में होने वाले आम चुनाव में बीजेपी के लिये मुश्किलें बढ़ेंगी।
हालांकि, चारों अभी गठबंधन की बात तो कह रहे हैं, लेकिन अधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है। गोरखपुर-फूलुपर के बाद कैराना और नूरपुर उपचुनाव में सपा-बसपा ने साथ मिलकर बीजेपी प्रत्याशियों को हरा दिया था। तभी से महागठबंधन की चर्चा चल रही है। सूत्रों की मानें तो सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद बीजेपी को हराने के लिये महागठबंधन को तैयार हैं, लेकिन पेंच सीटों के बंटवारे पर फंसा है।