मोनू बन दून में बताई ये कहानी
मोनू बने युवक की देहरादून में कहानी की शुरुआत बीते जून महीने में हुई। यहां 25 जून को एक युवक पुलिस के एएचटीयू कार्यालय पहुंचा। बताया कि करीब 18-19 वर्ष पहले जब वह नौ वर्ष का था तो एक व्यक्ति उसे घर से पास से उठाकर अनजान जगह ले गया। यह जगह राजस्थान में थी। वहां उससे भेड़-बकरी चराने का काम कराया गया। बताया कि वहां से वह एक ट्रक में बैठकर दून पहुंचा। बताया कि जब वह लापता हुआ तो पिता की परचून की दुकान थी। माता और चार बहनें थीं। पुलिस ने सोशल मीडिया पर इस बाबत प्रचार किया। एक जुलाई को बंजारावाला निवासी आशा शर्मा पत्नी कपिल देव शर्मा एएचटीयू कार्यालय पहुंची और उन्होंने फर्जी बेटे की कहानी को सच मान उसे अपना लिया था। ये भी पढ़ें:- खून चढ़ाकर धर्मस्थल किया अपवित्र, आरोपी इलियास गिरफ्तार, क्षेत्र में तनाव