लखनऊ

इस प्रक्रिया से भंग की जा सकती है सोसाइटी, जानें- इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला

– तीन चौथाई सदस्यों के प्रस्ताव पर भंग हो जाएगी सोसायटी : हाईकोर्ट- तीन चौथाई सदस्यों के प्रस्ताव के बाद निबंधक के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है : हाईकोर्ट

लखनऊDec 16, 2020 / 04:17 pm

Hariom Dwivedi

कानून के तहत किसी भी सोसायटी को तीन तरीके से भंग किया जा सकता है

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. कानून के तहत किसी भी सोसायटी को तीन तरीके से भंग किया जा सकता है। पहला सोसायटी के कुल सदस्यों में से तीन चौथाई सदस्यों के बहुमत से, दूसरा निबंधक (रजिस्ट्रार) द्वारा और तीसरा कोर्ट के आदेश के बाद सोसायटी को भंग किया जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि सोसायटी पंजीकरण एक्ट की धारा-13 के तहत कुल सदस्यों में से तीन चौथाई सदस्यों का प्रस्ताव पारित होते ही सोसायटी तत्काल भंग हो जाएगी। इसके लिए निबंधक के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है, रजिस्ट्रार को सिर्फ सोसायटी भंग करने का प्रस्ताव भेजकर सूचित करना पर्याप्त है।
प्रबंध समिति महर्षि कपिलमुनि शिक्षा समिति मैनपुरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने कहा कि याची की संस्था ने सर्वसम्मति से भंग करने का प्रस्ताव पारित किया है। इसके लिए निबंधक के अनुमोदन की जरूरत नहीं है। याची की सोसायटी का सर्वसम्मति से भंग करने का प्रस्ताव पारित होते ही सोसायटी तत्काल भंग हो गयी है। इसकी सूचना वह निबंधक को भेज दें। याची ने सोसायटी भंग करके सारी संपत्ति नई संस्था महर्षि कपिलमुनि शिक्षा ट्रस्ट को स्थानांतरित कर दी है। याचिकाकर्ता का कहना था कि सोसायटी भंग करने का प्रस्ताव पारित कर उप निबंधक को अनुमोदन के लिए भेजा गया है, लेकिन वह कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं, इस बाबत निर्देश जारी किया जाये। हाईकोर्ट ने सोसायटी भंग करने के प्रस्ताव का अनुमोदन करने का निबंधक को निर्देश देने से इन्कार करते हुए कहा कि ऐसा समादेश जारी नहीं किया जा सकता।
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