लखनऊ

UP News : युवाओं को उदास और मायूस बना रहा सोशल मीडिया, सर्वे रिपोर्ट ने किया बड़ा खुलासा

UP News : किशोरों और युवाओं की खुशी का पैमाना बदल गया है। अब उन्हें सोशल मीडिया पर लाइक्स खुशी और गम दे रहे हैं। सोशल साइट की पोस्ट पर आने वाले कम लाइक्स उन्हें तनाव की ओर ढकेल रहे हैं।

लखनऊApr 28, 2023 / 02:30 pm

Vishnu Bajpai

UP News : किशोरों और युवाओं की खुशी का पैमाना बदल गया है। अब उन्हें सोशल मीडिया पर लाइक्स खुशी और गम दे रहे हैं। सोशल साइट की पोस्ट पर आने वाले कम लाइक्स उन्हें तनाव की ओर ढकेल रहे हैं। हालात यह हैं कि तमाम किशोर तथा युवक-युवतियों को डॉक्टर की सलाह और इलाज तक की जरूरत पड़ने लगी है।
यह चौंकाने वाले तथ्य बलरामपुर अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट में सामने आए हैं। आठ माह के दौरान 15 से 25 साल के 213 किशोर और युवाओं पर विभाग ने सर्वे किया। विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ला का कहना है कि बड़ी संख्या में ओपीडी में किशोर और युवक-युवतियां आ रहे हैं। यह सभी मोबाइल व स्क्रीन पर अधिक समय गुजारते हैं।
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सोशल साइट्स के दीवाने 80 फीसदी युवाओं ने कहा किसी पोस्ट पर लाइक्स कम आने पर दुखी हो जाते हैं। दोस्तों से दूरी बना लेते हैं। परिचितों से लाइक्स की गुजारिश करते हैं। लाइक्स कम होने पर 20 फीसदी दो सप्ताह तक दूसरी पोस्ट अपलोड नहीं करते हैं। लाइक्स बढ़ने पर माता-पिता, भाई-बहन से खुशियां साझा करते हैं। लेकिन दुखी होने पर दूरी बना लेते हैं।
अपेक्षाकृत लाइक्स नहीं मिले तो स्कूल जाना छोड़ा
बांदा निवासी 18 साल के किशोर ने पांच तरह की साइट्स पर प्रोफाइल बनाई। अधिकांश समय सोशल साइट पर गुजारने लगा। शुरुआत में उसके वीडियो को खूब प्रशंसा मिली। रोजाना आठ से 10 वीडियो, फोटो सोशल साइट्स पर डालने लगा। धीरे-धीरे पोस्ट पर लाइक्स आना कम हो गया। इस पर उसने वीडियो फोटो बढ़ा दी। फिर भी अपेक्षाकृत लाइक्स नहीं मिले तो स्कूल जाना छोड़ दिया। परिवार ने बलरामपुर अस्पताल में इलाज कराया।
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लाइक्स बढ़ाने के लिए चोरी कर पैसे भी खर्च किए
अलीगंज निवासी 11वीं की छात्रा हजरतगंज के निजी स्कूल में पढ़ती है। उसने तो लाइक्स बढ़ाने के लिए पैसे तक खर्च करने शुरू कर दिए थे। इसके लिए उसने घर में पैसों की चोरी शुरू कर दी। सोशल साइट पर पेमेंट के लिए रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करनी होती है। बच्चे का एकाउंट चेक किया गया तो उसमें चोरी की गई रकम दर्ज मिली। पूछताछ में बच्चे ने सच्चाई भी कुबूली। काउंसलिंग व इलाज से बच्ची में सुधार है।
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विशेषज्ञ बोले स्कूल न जाने का बहाना ढूंढ़ते
कुछ के माता-पिता ने बच्चे के गुमसुम होने पर उनके दोस्तों को बुलाया। दोस्तों ने जब दुखी होने की वजह पूछी तो सोशल साइट्स पर कम लाइक्स आने को कारण बताया। यह बात चौंकाने वाली थी। डॉ. देवाशीष शुक्ला बताते हैं कि फालोवर की संख्या कम होना भी तनाव की वजह बन गया है। सोशल मीडिया के लिए स्कूल न जाने का बहाना तलाशते हैं।

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