लखनऊ

अगर आप रात को लेते हैं खर्राटे तो हो जाएं सतर्क, आप हो सकते हैं Sleep Apnea के शिकार

– सोते समय 10 सेकेंड के लिए रुक जाती है सांस- मस्तिष्क मांस-पेशियों को संकेत देना बंद कर देता है- सुबह के वक्त होती है ज्यादा समस्या- पीड़ित लेते हैं ज्यादा खर्राटे

लखनऊJul 17, 2019 / 01:53 pm

आकांक्षा सिंह

अगर आप रात को लेते हैं खर्राटे तो हो जाएं सतर्क, आप हो सकते हैं Sleep Apnea के शिकार

लखनऊ. स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) नींद से जुड़ी गंभीर समस्या है। केजीएमयू (KGMAU) के रेस्पिरेट्री मेडिसिन (Residential Medicine) के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकांत इसकी गंभीरता को लेकर बताते हैं कि इस बीमारी में सोते समय 10 सेकंड के लिए सांस रुक जाती है। इससे रक्त में ऑक्सीजन का स्तर गिरता है और कुछ सेकंड में मस्तिष्क मांसपेशियों को संकेत देने में विफल हो जाता है। यानी मस्तिष्क शून्य जैसा हो जाता है। रात में कई बार यह समस्या होती है। सुबह के वक्त यह समस्या ज्यादा होती है। इसका लक्षण है जोर से खर्राटे आना Snoring, उच्च रक्तचाप high blood pressure , स्ट्रोक stroke, अनियमित दिल की धड़कन irregular heartbeat, मधुमेह diabetes आदि है। यह पूरी तरह उपचार योग्य है। कुछ दवाएं, डिवाइस और अंत में सर्जरी के जरिए इसका इलाज किया जाता है।

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स्लीप एप्निया के प्रकार

ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive sleep apnea)
यह सबसे सामान्य प्रकार है। यह तब होता है जब नींद में गले की मांसपेशियों की शिथिलता के चलते श्वसन मार्ग आंशिक या पूर्ण रूप से अवरुद्ध होने लगता है। इससे अक्सर लोग शोर से खर्राटे लेते हैं।

सेंट्रल स्लीप एप्निया (Central Sleep Apnea)
यह कम पाया जाता है। इसमें मस्तिष्क सांस लेने को नियंत्रित करने वाली मांस पेशियों को संकेत देने में विफल रहता है। इससे ग्रस्त लोग भी खर्राटे लेते हैं। इसमें सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है।

कांपलेक्स स्लीप एप्निया (Complex sleep apnea)
यह ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया और सेंट्रल स्लीप एप्निया का मिला-जुला रूप होता है।

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स्लीप एप्निया के उपचार (Treatment of sleep apnea)

इलाज नहीं होने पर यह बीमारी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसमें स्टोक, उच्च ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा, अनियमित दिल की धड़कन, अवसाद, थकान, डायबिटीज, सिरदर्द और एडीएचडी लक्षण का खराब होना शामिल है। इसके अलावा स्लीप एप्निया की इलाज नहीं कराने के कारण नियमित दिनचर्या जैसे स्कूल और कार्यालय, कार दुर्घटना, शैक्षिक विफलता विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के बीच, दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में खराब प्रदर्शन का कारण बन सकता है।

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यदि आपको इस बीमारी के लक्षण हैं, तो डॉक्टर आपको स्लीप एप्निया परीक्षण से गुजरने के लिए कह सकता है, जिसे पॉलिसोमोग्राम भी कहा जाता है। एक पोलीसोम्नोग्राम सोने की गतिविधियों पर एक अध्ययन है। यह एक बहु घटक परीक्षण है जो सोने के पैटर्न के इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिकॉर्ड प्रसारित करता है और सोते समय शारीरिक गतिविधियों के साथ सहसंबंधित करता है। इसके बाद इन इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और डेटा का विश्लेषण ‘नींद विशेषज्ञों’ द्वारा किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि क्या आपको वास्तव में एप्निया है या यदि आप किसी अन्य विकार से पीड़ित हैं।

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स्लीप एप्निया से बढ़ रहे सड़क हादसे

केजीएमयू के डॉक्टरों की टीम के अध्ययन में सामने आया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले करीब 23 फीसदी लोग इस बीमारी के शिकार हैं। स्लीप एप्निया की वजह से एकाग्रता टूटती है और दुर्घटनाएं होती हैं। अध्ययन में ये भी कहा गया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय इन्हें चिह्नित कर हादसों को रोका जा सकता है। सबसे पहले ये जानें स्लीप एप्निया है क्यास्लीप एप्निया निद्रा से जुड़ी गंभीर समस्या है।

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