लखनऊ. केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddiqui Kappan) की गिरफ्तारी के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। इसमें यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि सिद्दीकी कप्पन गैरकानूनी हिरासत में नहीं है बल्कि अदालत द्वारा उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। कोई भी वकील उनका हस्ताक्षर लेने के लिए उनसे मिल सकता है। इस पर कोई मनाही नहीं है। इससे पहले सरकार के वकील ने कहा कि सिद्दीक कप्पन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालय सचिव हैं। इस बात पुष्टि जांच के दौरान सामने आई है। सिद्दीकी पीएफआई के अन्य कार्यकर्ताओं और उनके छात्रसंघ नेताओं के साथ “पत्रकारिता की आड़ में” हाथरस जा रहे थे, जहां वह सुनियोजित तरीके से जाति विभाजन और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश में थे। कप्पन ‘तेजस’ नाम से केरल आधारित अखबार के पहचान पत्र का इस्तेमाल कर रहे थे, जो 2018 में ही बंद हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए टाल दी है।
ये भी पढ़ें- बिकरू कांड: विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की बढ़ी मुसीबत, मुकदमा हुआ दर्ज, लगा बड़ा आरोप पांच अक्तूबर को पत्रकार सिद्दीकी कप्पन व तीन अन्य लोगों को मथुरा पुलिस ने हाथरस कांड के पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने जाने के दौरान गिरफ्तार किया था। आरोप है कि वह विवादित संगठन पीएफआई के सदस्य हैं।
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यूपी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यब बताया कि कप्पन की गिरफ्तारी का बाद उसके परिवार वालों को तुरंत सूचित किया गया था। लेकिन आज तक उससे मिलने कोई न आया। सरकार संघ के लोकस स्टैंडी पर सवाल उठाते हुए कि न्यायिक हिरासत के दौरान कप्पन ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ तीन बार 2, 10 व 17 नवंबर को – फोन पर बात की है। उन्होंने कभी किसी रिश्तेदार या वकील से मिलने का अनुरोध नहीं किया और न ही कोई आवेदन दिया।
यूपी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यब बताया कि कप्पन की गिरफ्तारी का बाद उसके परिवार वालों को तुरंत सूचित किया गया था। लेकिन आज तक उससे मिलने कोई न आया। सरकार संघ के लोकस स्टैंडी पर सवाल उठाते हुए कि न्यायिक हिरासत के दौरान कप्पन ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ तीन बार 2, 10 व 17 नवंबर को – फोन पर बात की है। उन्होंने कभी किसी रिश्तेदार या वकील से मिलने का अनुरोध नहीं किया और न ही कोई आवेदन दिया।