जानिए महत्व और जन्माष्टमी तिथि धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद महा की कृष्ण अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसी मान्यता के आधार पर हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी ( Shree krishna janmashtami ) इसी दिन मनाई जाती है। इस वर्ष 30 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि 29 अगस्त की रात 11 बजकर 30 मिनट बजे से शुरू होगी और 30 अगस्त की रात 1 बजकर 59 तक अष्टमी तिथि रहेगी। इसी वजह से इस साल 30 अगस्त यानी सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
जानिए कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त ( Shree Krishna Janmashtami 2021 Shubh Muhurta )
इस वर्ष जन्माष्टमी पर्व पर पूजन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 11 बजकर 59 से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। आचार्य पंडित रोहित वशिष्ठ के अअनुसार इस शुभ काल में भगवान श्री कृष्ण के बालरूप गोपाल जी का पूजन करना बेहद फलदाई है। 30 अगस्त की सुबह 6 बजकर 39 से रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा और 31 अगस्त की सुबह 9 बजकर 44 तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा।
ऐसे करें श्री कृष्णा गोपाल जी का पूजन
अक्सर हम जन्माष्टमी पर्व की तैयारियों में व्यस्त हो जाते है और इसी व्यस्तता के चलते पूजा की विधि पर ध्यान नहीं दे पाते। जब पूजा के समय हमे याद आता है कि हमने पूरी तैयारी तो की नहीं। ऐसा आपके साथ ना हो इसलिए हम आपको पूजन विधा बता रहे हैं। गोपाल जी की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। पूजा प्रारंभ करते समय भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप गोपाल जी को पहले दूध से स्नान कराए, इसके बाद दही, फिर घी और शहद से स्नान कराए। बाद में गंगा जल से स्नान कराना है। इन सभी द्रव्यों से स्नान कराने दूध, शहद से एक बर्तन में पंचामृत बना लें। इस तरह लल्ला को स्नान कराने के उपरांत उन्हे सुंदर वस्त्र पहनाए और उनका पूजन करें। उन्हें चंदन और अक्षत यानी चावल से तिलक करें। इसके बाद उन्हें धूप दीप दें माखन, मिश्री, तुलसी पत्ते का भी उन्हें भोग लगाएं। इसके बाद उन्हें झूले पर झुलाएं और भजन कीर्तन करें।
घर पर बना प्रसाद का ही भोग लगाएं
गोपाल जी को बाजार का खरीदा हुआ प्रसाद का भोग लगाने से बेहतर है कि उन्हें आप घर पर ही बने प्रसाद का भोग लगाएं। प्रसाद के रूप में पिसा हुए धनिया की पंजीरी, खीर मिठाई, पंचामृत का भोग लगाया जा सकता है।
ऐसे खोले व्रत (Shree Krishna Janmashtami 2021 Know Shubh Muhurta and Significance ) अक्सर हम पूजन और व्रत ठीक तरह से करक लेते हैं लेकिन जब व्रत खोलने का समय आता है तो उस समय गलती कर बैठते हैं। ऐसे में हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें धनिया और बूरा से व्रत खाेलना चाहिए। परिवार के जिन भी सदस्यों ने व्रत रखा हों उन्हे पिसे हुए धनिया और बूरा के मिश्रण से व्रत खोलने के लिए कहे। पहले ही सभी के लिए यह मिश्रण बनाकर रख लें। भगवान कृष्ण को मक्खन की तरह धनिया और बूरा का मिश्रण भी प्रिय है इसलिए इसी मिश्रण से व्रत खेलना चाहिए।