मुस्लिम नेताओं ने अपनाया बगावती रुख विधानसभा चुनाव बीते अभी एक माह भी नहीं हुए हैं कि अखिलेश यादव और सपा के प्रति मुस्लिमों का मोहभंग होना शुरू हो गया है। ्रशिवपाल के बाद अब सपा के दिग्गज नेता व पार्टी के मुस्लिम चेहरा आजम खान के पार्टी से जल्द ही अलग होने की चर्चाएं तेज हो गयी हैं। इसी के साथ पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने भी बगावती रुख अपना लिया है। सपा के लंभुआ विधानसभा क्षेत्र महासचिव सलमान जावेद राईन ने पार्टी अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि अखिलेश मुस्लिमों की आवाज नहीं उठाते।
आजम के संपर्क में शिवपाल आजम के करीबी शिवपाल के संपर्क में हैं। शिवपाल ने भी आजम की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान ने भी अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि अखिलेश यादव ने पिछले ढाई साल में आजम को जेल से छुड़ाने के लिए कोई आंदोलन नहीं किया।
नए नेता पैदा करने होंगे अखिलेश यादव इस समय सपा के अकेले खेवहनहार बचे हैं। उनके विश्वसनीय चेहरे चुनाव हार चुके हैं। पार्टी के बूढ़े नेता अब अशक्त और कमजोर हो चुके हैं। ऐसे में पार्टी चलाने के लिए सपा को तेजतर्रार और अनुभवी नेताओं की जरूरत है। अनुराग भदौरिया जैसे राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को पार्टी में आगे लाना हो जो हर मंच पर पार्टी का पक्ष रख सकें। कुछ इसी तरह अन्य जुझारू नेताओं को भी पार्टी की विभिन्न विंग की कमान सौंपनी होगी तब जाकर पार्टी जमीनी स्तर पर संघर्ष करती नजर आएगी।