शिवपाल यादव ने कहा क्या है?
शिवपाल यादव से योगी सरकार के कामकाज पर सवाल किया गया था। इस पर शिवपाल ने कहा कि मौजदूा सरकार मुसलमानों को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि आजम खान, इरफान सोलंकी, अफजाल अंसारी जैसे नेताओं को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है।
शिवपाल यादव से योगी सरकार के कामकाज पर सवाल किया गया था। इस पर शिवपाल ने कहा कि मौजदूा सरकार मुसलमानों को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि आजम खान, इरफान सोलंकी, अफजाल अंसारी जैसे नेताओं को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है।
अफजाल अंसारी गाजीपुर से बसपा के सांसद हैं। अपनी पार्टी के नेताओं के साथ शिवपाल ने उनका नाम लिया तो उनसे पूछा गया कि क्या अफजाल अंसारी आने वाले वक्त में समाजवादी पार्टी में आ सकते हैं? इस पर शिवपाल यादव ने कहा कि अफजाल अंसारी के लिए सपा के दरवाजे खुले हुए हैं।
अब 7 साल पुराना वो किस्सा जान लीजिए जब अंसारी परिवार के नाम पर शिवपाल और अखिलेश यादव ऐसे लड़े थे कि बात धक्कामुक्की तक आ गई थी।
शिवपाल यादव की बात करने से पहले आपको बताते चलें कि पूर्वांचल की राजनीति में दबदबा रखन वाले अंसारी परिवार ने 2010 में कौमी एकता दल बना लिया था। कौमी एकता दल से ही 2012 में सिगबतुल्ला अंसारी मुहम्मदाबाद से तो मुख्तार अंसारी मऊ से विधायक बने थे।
2015-16 में अंसारी परिवार की शिवपाल यादव से नजदीकी बढ़ी और कौमी एकता दल के सपा में विलय की बात तय हो गई। जून, 2016 में शिवपाल यादव, अफजाल अंसारी और सिगबतुल्ला ने सात में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें अफजाल अंसारी की ओर से अपनी पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय की घोषणा कर दी गई।
अंसारी परिवार को साथ लिया तो शिवपाल पर बिगड़ गए थे अखिलेश
शिवपाल यादव ने अंसारी परिवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो अखिलेश बिगड़ गए। अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी पार्टी को मुख्तार अंसारी की जरूरत नहीं है। अखिलेश ने सपा में कौमी एकता दल के विलय को नहीं माना और चाचा-भतीजे में तलवारें खिंच गईं।
इस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। शिवपाल यादव मंत्री थे, ये बात हुई तो अखिलेश ने शिवपाल यादव से कई अहम मंत्रालय भी वापस ले लिए।
मुलायम ने की सुलह की कोशिश, रहे नाकाम
शिवपाल और अखिलेश में तकरार बढ़ी तो मुलायम सिंह यादव ने शिवापल और अखिलेश यादव दोनों को बुलाया गया। अक्टूबर, 2016 की इस बैठक में सुलह के बजाय तकरार हो गई और बात इतनी बढ़ी कि भाषण दे रहे अखिलेश यादव के हाथ से शिवपाल ने माइक छीन लिया। मंच पर दोनों के समर्थकों में धक्कामुक्की की स्थिति हो गई।
इस घटनाक्रम के बाद शिवपाल यादव को झुकना पड़ा और कौमी एकता दल का विलय सपा में ना हो सका। अफजाल अंसारी ने इसके बाद बसपा का रुख किया और अपने दल का विलय बसपा में कर दिया। वहीं शिवपाल ने 2018 में अपनी पार्टी प्रसपा का गठन कर लिया।
2022 के विधानसभा चुनाव में कम हुई सपा की अंसारी परिवार से दूरी
2016 में शिवपाल के साथ-साथ अंसारी परिवार से भी अखिलेश यादव की खूब तल्खी दिखी। हालांकि ये 2022 में कम हो गई। 2022 से पहले सिगबतुल्ला अंसारी और उनके बेटे मन्नू अंसारी सपा में शामिल हो गए। वहीं मुख्तार के बेटे अब्बास ने सपा के सहयोग से सुभासपा के टिकट पर मऊ से चुनाव लड़ा। मन्नू मोहम्मदाबाद से तो अब्बास मऊ से इस समय विधायक हैं।
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