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अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने भूपेश बघेल पर रिश्वत लेने का लगाया आरोप, बोली- सत्ता में रहकर सट्टे का खेलबीजेपी में हुई थी शामिल अर्पणा यादव
साल 2017 में अर्पणा यादव ने लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन अर्पणा को भाजपा की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी से हार सामना करना पड़ा। बीते 2022 विधानसभा चुनाव में अर्पणा उसी सीट से फिर से चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन अखिलेश यादव ने अर्पणा यादव को टिकट दिया। इसके बाद 19 जनवरी 2022 को अर्पणा यादव बीजेपी में शामिल हो गई। भाजपा में शामिल होने के बाद अर्पणा यादव ने कहा था राष्ट्र आराधना के लिए और पीएम नरेन्द्र मोदी की नीतियों के कारण मैं बीजेपी में आई हूं। लखनऊ कैंट से लड़ना चाहती थी विधानसभा चुनाव
अर्पणा के बीजेपी में शामिल में होने के बाद अटकलें तेज हुई। कहा जाने लगा कि बीजेपी उन्हें लखनऊ कैंट से विधानसभा चुनाव लड़ाएगी। अर्पणा भी लड़ना चाहती थी, लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद एमएससी के लिए उनके नाम की चर्चा हुई, पर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
मेयर चुनाव में जब लखनऊ की सीट महिला रिजर्व हुई तब कहा जाना लगा कि अपर्णा यादव बीजेपी के टिकट पर मेयर की उम्मीदवार हो सकती है। अर्पणा यादव ने भी टिकट के लिए कोशिश भी की। लेकिन इस बार भी उन्हें मौका नहीं मिला। अर्पणा यादव अभी तक बीजेपी की सदस्य ही है, उन्हें ना तो किसी आयोग और ना ही किसी संगठन में भी कोई पद मिला है।
सपा में वापसी की अटकलें तेज
हालांकि अभी ऐसा कुछ नहीं है। शिवपाल सिंह और उनकी पत्नी के साथ में अपर्णा यादव की मुलाकात दीपावली के अवसर पर हुई पारिवारिक मुलाकात है। लेकिन राजनीति में कई बार ऐसी ही मुलाकातें पाला बदल में अहम भूमिका निभाती रही हैं। इसकी ताजा उदारण खुद ही शिवपाल सिंह यादव हैं। कुछ समय पहले तक अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के छत्तीस के आंकड़े थे। लेकिन मैनपुरी उपचुनाव से अखिलेश यादव और डिंपल ने शिवपाल यादव से मुलाकात की। इसके बाद चाचा ने सपा में लौट आए और अब सपा के प्रमुख कमांडर है।
हालांकि अभी ऐसा कुछ नहीं है। शिवपाल सिंह और उनकी पत्नी के साथ में अपर्णा यादव की मुलाकात दीपावली के अवसर पर हुई पारिवारिक मुलाकात है। लेकिन राजनीति में कई बार ऐसी ही मुलाकातें पाला बदल में अहम भूमिका निभाती रही हैं। इसकी ताजा उदारण खुद ही शिवपाल सिंह यादव हैं। कुछ समय पहले तक अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के छत्तीस के आंकड़े थे। लेकिन मैनपुरी उपचुनाव से अखिलेश यादव और डिंपल ने शिवपाल यादव से मुलाकात की। इसके बाद चाचा ने सपा में लौट आए और अब सपा के प्रमुख कमांडर है।
इसी तरह अपर्णा के पाला बदल करने को लेकर शुरू हुई अटकलों को अभी पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है। हालांकि, शिवपाल सिंह यादव से जब अपर्णा से हुई मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होने यह कहा कि मैं तो आशीर्वाद देने गया था।